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होली के गानों पर बहनें झूम उठीं
Sector 40 & 41 Noida

होली के गानों पर बहनें झूम उठीं

भाई ऐसा लगा कि होली एक सप्ताह पहले आ गई। ज़्यादातर बहनें, पहले से तय किए अनुसार, सफेद सूट और बंधेज के रंग बिरंगे दुपट्टे पहन कर आयीं । क्या नज़ारा था! हर्बल गुलाल और चंदन टीके से सबका स्वागत किया गया। सब लोग उत्साहित थे होली हुड़दंग मचाने के लिए।

मैं भाँप गई की सब उत्साहित हैं इसलिए अपने स्वागत भाषण को छोटा रखते हुए, थोड़ा-थोड़ा महिला दिवस और होली के बारे में बताया। और फिर शुरू हुआ हमारा मार्च का कार्यक्रम। जनक भाटिया जी ने बहुत सुंदर कविता सुनाई महिला सशक्तिकरण के ऊपर। जोश आ गया और लगा कि हम नारियों के बिना तो जग का कोई कार्य संपन्न नहीं हो सकता। कविता कश्यप की कविता ने और भी जोश भर दिया। उषा भंडारी के होली के गानों पर बहनें झूम उठीं। शशि और निशा के होली नृत्य कमाल के थे।

हास्य कवि सम्मेलन भी आयोजित किया गया। मधु, ज्योति, सुमन, रजनी, सुनीता, कविता, पूनम, आरती और जनक जी ने खूब समाँ बांधा।
माइम नृत्य ने सबको प्रभावित कर दिया और सब वन्स मोर वन्स मोर करने लगे।

अंत में होली का ख़ूबसूरत नृत्य प्रस्तुत किया पूनम, पायल, आरती, शिल्पा, सोनल और संध्या ने।

बीच-बीच में फनी विज्ञापन भी दिखाए गए जिनको देखकर तालियाँ रुक ही नहीं रहीं थीं। जनक जी ने पूरे कार्यक्रम को बखूबी पिरोया और बीच-बीच में चुटकुलों और शेरों से सबका मनोरंजन किया। साईं मंदिर से लाए गए फूलों की वर्षा का आनंद सबने लिया। फूलों की होली हम हर बार खेलते हैं। साईं बाबा का आशीर्वाद और पर्यावरण की सुरक्षा एक साथ!

जिनके जन्मदिवस मार्च में आते हैं उनको गिफ्ट और बधाइयाँ दी गयीं।

मधु ने स्वादिष्ट कांजी बनायी थी। खाने में छोले भटूरे और गुझिया गर्म चाय के साथ ! वाह!

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