इस बार मुझे Suncity Samvada के संपादकीय दल की बैठक में आदेश प्राप्त हुआ की हमारे आवासीय क्षेत्रा के निकटतम मन्दिर के बारे में निवासियों को जानकारी
उपलब्ध कराएं। क्यूंकि मैं स्वयं कभी अपने निकट के मंदिर में दर्शनार्थ हेतू अभी तक नहीं गया था और अरावली पर स्थित उस देवालय को प्रकाश और शंख एवम् घंटियों की ध्वनि को केवल अपने घर की छत से देखा, सुना और अनुभव किया था …तो दल के आदेश और ईश्वर की इच्छा को मान कर आज प्रातः ब्रह्म महूरत में चल पड़ा मंदिर की ओर….
सनसिटी परिसर में Dispensary से थोड़ा सा आगे गेट नम्बर 8 (जो कि पैदल अथवा दो पहिया वाहनों के आने जाने के लिया सदा खुला रहता है और कुछ विशेष दिनों पर चारपहिया वाहनों के लिए भी खुला रहता है) से गुजर कर एक बेहद खूबसूरत पक्की सड़क जिसके दोनों ओर जंगल के पेड़ पौधे हैं पर आ गया और मंदिर परिसर की तरफ अग्रसर हुआ smart watch ने मंदिर तक के 600 steps दर्शाए अर्थात दूरी लगभग 400 मीटर की रही होगी, क्यूंकि मंदिर कुछ ऊंचाई पर है तो थोड़ी चढ़ाई थी पर स्वस्थ व्यक्ति के लिए कोई परेशानी का कारण नहीं है ।
मन्दिर परिसर पर पहुंच कर बहुत आलौकिक अनुभूति हुई। मन्दिर परिसर बहुत ही विशाल है जिसका अनुमान मुझे बिल्कुल नहीं था ।
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार पूजनीय देवी देवताओं की बहुत ही आकर्षक प्रतिमाएं वहां पर स्थापित हैं। मैने वहां श्री राम दरबार, राधा कृष्ण, साईं बाबा, बाबा बालक नाथ, गणपति जी, शिव लिंग, शिव, माता वैष्णो देवी, सरस्वती माता, काली माता, शनि देव, संकटमोचन हनुमान जी की प्रतिमाओं के आगे श्रद्धा से शीश झुकाया और समस्त मंदिर परिसर का भ्रमण किया, बहुत आनंद की अनुभूति हुई। मंदिर परिसर में बड़े बड़े बरामदे उसकी भव्यता का प्रमाण दे रहे थे।
कुछ और जानकारी प्राप्त करने की इच्छा से मैंने मंदिर के प्रमुख महंत जी से मुलाकात की और चर्चा के बीच उन्होंने बताया कि मंदिर की जमीन वजीराबाद गांव की थी या है और सेक्टर 54 में आती है। इस मंदिर का निर्माण वर्ष 1981 में हुआ था और प्रतिदिन प्रातः 5.30 सूर्योदय और सांय 7 बजे सूर्यास्त पर आरती होती है।
उन्होने यह भी बताया कि क्षेत्रा के निवासी यदि अपने घर पर भी किसी प्रकार के मांगलिक कार्य, पूजा हवन इत्यादि कराना चाहते हैं तो मंदिर के पुरोहित और आचार्य भी उपलब्ध होते हैं ।
उनसे यह भी जानकारी प्राप्त हुई कि बहुत से श्रद्धालु भक्त जन समय समय पर अपने अपने सामर्थ्य अनुसार भंडारों का आयोजन करते रहते हैं और उन विशेष दिनों पर SRWA की अनुमति से गेट चैपहिया वाहनों के लिए खोल दिया जाता है।
मन्दिर में दान देने के इच्छुक दानियों के लिए दानपत्रा के स्थान पर QR कोड लगे होने ने मुझे बहुत अचंभित किया।
मंदिर परिसर के साथ ही लगी हुई एक बहुत बड़ी गौशाला ने भी मुझे बहुत प्रभावित किया वहां बीमार गायों की सेवा उपचार की व्यवस्था है तथा बीमार गायों के लिए एंबुलेंस भी उपलब्ध है!
यदि आप भाग्यशाली रहे तो राह में आपको मोर के दर्शन भी हो सकते हैं और आप गर्व से कह पाएंगे जंगल में मोर नाचा मैंने देखा मन्दिर परिसर में आना और दर्शन करना एक खूबसूरत अनुभव रहा इसके लिए प्रेरणा देने के लिए मैं संवाद के संपादकीय दल का आभारी हूं।
Popular Stories
Football Tournament @Princeton
More Than a Festival: The Art and Power of Durga Puja
Personality of the Month- ‘Dr Usha Mediratta’
Stray Cattle Menace In Front of Galleria
The Chronicles of Malibu Towne: A Mosquito’s Tale
“Senior Living Is Not An Old Age Home” say Mr & Mrs Bose
Recent Stories from Nearby
- “Complete Wellness” -PLWA November 26, 2024
- Unattended Car Causing Dirt and Health Concerns Outside Power Station November 26, 2024
- Radha Krishan Mandir Updates November 19, 2024
- My Game Stall in JCO Diwali Mela November 19, 2024
- Karvachauth Celebration in C Block Club November 19, 2024