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पार्श्वनाथ सोसाइटी में छठ पर्व
Sector 93 Noida

पार्श्वनाथ सोसाइटी में छठ पर्व

नहाय खाय के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व की शुरूवात 6 नवम्बर मंगलवार से हो गयी थी। बुधवार को खरने के साथ 36 घण्टे का निर्जला व्रत शुरू होता है। छठ को सूर्य उपासना का पर्व माना जाता है। इसको धूम-धाम और आस्था के साथ मनाया जाता है। व्रतियों के नहाने के बाद महाप्रसाद के रूप में चावल चने की दाल और लौकी की सब्जी बना कर भोजन के रूप में प्रसाद ग्रहण किया।

हमारी सोसाइटी, पार्श्वनाथ प्रेस्टिज, में डी-110 निवासी श्रीमति अनामिका सिन्हा कई वर्षों से छठ मइया का व्रत रखती हैं। 19 वर्षो से प्रत्येक वर्ष वह पूरे विधि-विधान से छठ मइया का व्रत रखती है। उनका पूरा परिवार बेहद धार्मिक है। सभी धार्मिक आयोजन में वह परिवार के साथ उपस्थित होकर अपना सहयोग देती हैं।

इस वर्ष पहली बार डी-507 में रहने वाली शवेता पटेल जी ने भी छठ मइया का व्रत रखा। वह योग गुरु के नाम से सोसाइटी में लोकप्रिय महिला है। उनके पति कर्नल मयूर पटेल ने भी पूरी आस्था के साथ उनको सहयोग दिया। छठ महापर्व भक्ति और विश्वास के साथ निष्ठा का भी महापर्व है।

बृहस्पति वार की शाम को अपनी छतो पर कृत्रिम घाट बना कर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य दिया गया, जिसमे सभी सोसाइटी की महिलाओं ने उपस्थित होकर अनामिका जी एवं शवेता जी का उत्साहवर्धन किया। भगवान भास्कर को अर्ध्य देने के लिए सूप में पिसे चावल, केला, सन्तरा, गन्ना, सिंघाड़ा, सिंदूर, सुपारी, पान का पत्ता, आदि रख कर अर्ध्य दिया जाता है। शुक्रवार चैथे दिन छठ गीतों के बीच उदीयमान सूर्य को अर्ध्य देने के साथ सूर्य महापर्व का समापन किया गया।

छठ मइया की सच्चे मन से पूजा व व्रत रखने से मनोकामना पूरी होती है। प्रसाद पूरी श्रद्धा के साथ बनाया जाता है। बच्चे भी पूरी श्रद्धा के साथ अपनी माँ को व्रत रख कर पूजा करते देख अच्छे संस्कार ग्रहण करते हैं।

अगले वर्ष की छठ पर्व की हम सभी को प्रतीक्षा रहेगी।

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