निद्रा, जो हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक है, आजकल हमारे जीवन की एक महत्वपूर्ण समस्या बनती जा रही है।
आधुनिक जीवनशैली और कुछ बुरी आदतों के कारण हमारी नींद की गुणवत्ता और मात्रा दोनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इस लेख में हम उन कारणों पर चर्चा करेंगे, जिनके चलते नींद की समस्या उत्पन्न होती है। आधुनिक जीवनशैली में शारीरिक परिश्रम की कमी एक प्रमुख कारण है। हम ज्यादातर समय बैठकर काम करते हैं और शारीरिक गतिविधियों में कमी आ गई है। जब हम शारीरिक परिश्रम नहीं करते, तो हमारा शरीर थकान महसूस नहीं करता और इससे नींद में बाधा उत्पन्न होती है। दिन में सोने से हमारे शरीर में एडेनोसिन लेवल डिस्टरब हो जाता है। एडेनोसिन एक ऐसा केमिकल है जो नींद को प्रेरित करता है। जब हम दिन में सोते हैं, तो यह लेवल प्रभावित होता है और रात में हमें नींद नहीं आती। फोन या अन्य इलेक्ट्राॅनिक उपकरणों का देर रात तक उपयोग मेलाटोनिन हार्मोन को प्रभावित करता है। मेलाटोनिन नींद को प्रेरित करने वाला हार्मोन है, और फोन की नीली रोशनी इसके उत्पादन को रोकती है, जिससे नींद में बाधा उत्पन्न होती है। अनियमित दिनचर्या, जैसे कि सुबह देर से जागना या देर रात तक सोना, पार्टी करना आदि, हमारे सिर्केडियन रिदम को प्रभावित करता है। सिर्केडियन रिदम हमारे शरीर की प्राकृतिक घड़ी है जो सोने और जागने के समय को नियंत्रित करती है।
शुराब का सेवन भी नींद में बाधा उत्पन्न करता है। शुरू में यह नींद को प्रेरित कर सकता है, लेकिन बाद में यह नींद के पैटर्न को बाधित करता है और बार-बार जागने की संभावना बढ़ जाती है। काॅफी में पाए जाने वाले स्टिमुलांट कैफीन हमारे शरीर में 8 घंटे तक रहते हैं। इससे नींद में बाधा उत्पन्न होती है क्योंकि कैफीन हमारे मस्तिष्क को जागृत और सक्रिय रखता है। अत्यधिक तनाव या चिंता भी नींद में बाधा उत्पन्न करते हैं। जब हम चिंतित होते हैं, तो हमारा मस्तिष्क सक्रिय रहता है और इससे नींद में बाधा उत्पन्न होती है।
निद्रा की समस्या अक्सर हमारी अपनी बनाई हुई होती है। आधुनिक जीवनशैली और बुरी आदतें हमारी नींद पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। स्वस्थ और नियमित जीवनशैली अपनाकर, और इन आदतों को बदलकर हम अपनी नींद की गुणवत्ता को सुधार सकते हैं। इसके लिए शारीरिक परिश्रम बढ़ाना, दिन में सोने से बचना, फोन का उपयोग कम करना, नियमित दिनचर्या बनाना, शराब और कैफीन का सेवन कम करना, और तनाव को प्रबंधित करना आवश्यक है। इससे न केवल हमारी नींद बेहतर होगी, बल्कि हमारा सम्पूर्ण स्वास्थ्य भी सुधरेगा।
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