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दिल है छोटा सा, छोटी सी आशा
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दिल है छोटा सा, छोटी सी आशा

जी हाँ, एक छोटी सी आशा है, खुशियाँ बांटने की और खुशियाँ बांटने के लिए किसी बड़े अवसर की आवश्यकता नहीं होती, बस छोटे छोटे अवसरों को झपट लेना पड़ता है। यों तो हर त्यौहार, उत्सव हम सभी अपने परिवार के साथ मनाते ही हैं किन्तु मित्रो की छेड़ छाड़ और हंसी ठिठोली के साथ इसका स्वाद और भी चटपटा हो जाता है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रख कर तीज महोत्सव का आयोजन 9 अगस्त को डब्लू 3 पार्क में 4 बजे सायंकाल किया गया ताकि हम सब एक साथ मिलकर खुशियों के कुछ पल जी सकें।

प्रकृति तो हरी चुनरी पहन कर झूम ही रही थी किन्तु जब हरे परिधानों में सजी धजी महिलाओं ने हरी मखमली घास पर अपने कदम रखे तो मानो वहाँ सावन मूर्तिमान हो उठा। गुलाबजल की सुगंधित फुहारों के साथ उनका स्वागत किया गया। इस उत्सव में केवल वेलिंगटन की ही नहीं, बल्कि वे महिलाएं भी सम्मिलित हुई जो अब अन्यत्रा रहती हैं किन्तु वेलिंगटन की सखियों का आकर्षण उन्हें यहाँ खींच लाता है। विशेष अतिथि के रूप में मणिपुर की गवर्नर डाॅ सुप्रिया ने भी उत्सव में सम्मिलित हो कर चार चाँद लगा दिये।

कार्यक्रम का प्रारंभ ‘होम वर्क’ परीक्षण से हुआ, जिसमें छोटी दियासलाई में अधिक से अधिक विभिन्न हरे पदार्थ भरना था और इस ‘होम वर्क’ के लिए सभी को पहले ही सूचित किया जा चुका था। जज इंदिरा शेराॅन और उषा नारद ने काफी बारीकी से छान बीन के बाद उमा खन्ना को प्रथम और अनुजा को द्वितीय घोषित किया। दूसरा मनोरंजक खेल ‘इसकी टोपी उसके सिर’ था जिसमें सुनीता और सरला विजयी हुई। तीसरा झटपट खेल था जिसमें क्वीन और सीता ने पुरस्कार जीता। इस बीच गरम समोसे, आइसक्रीम और शीतल पेय वितरित किये गए। चैथे खेल में उषा सिक्का ने सिक्का जमाया। अब बारी थी बहारों की रानी के चुनाव की जिसे धड़कते दिलों की धड़कन बढ़ाते हुए शिवा शर्मा ने जीत लिया। वैजयंती और मुकुट पहना कर शिवा का अभिनंदन किया गया और मणिपुर की डाॅ सुप्रिया ने उन्हें पुरस्कार दिया। अन्य विजेताओं को भी सावन उत्सव के कारण पुरस्कार में प्यारे प्यारे पौधे दिये गये।

तंबोला के बिना तो सब अधूरा है और बिना पैसे दिये पैसे मिल जाएं तो खुशी दुगनी होती है इस लिये यह भी खेला गया।

इस आमोद प्रमोद में समय कैसे बीत गया, पता ही नहीं चला और शाम ढलने लगी। सभी महिलाओं को पैक डिब्बों में भोज्य पदार्थ दिये गये ताकि वे घर जाकर परिवार के साथ इसका आनंद उठा सकें। विदा लेती सभी 36 महिलाओं को छोटे छोटे उपहार दिये गये जिसे उन्होंने हर्षित मन से धन्यवाद सहित स्वीकार किया।

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