Subscribe Now
Trending News

घर घर में होवे दिवाली
DLF5

घर घर में होवे दिवाली

द्वारा शीला श्रीवास्तव

जैसे ही नवरात्रि समाप्त होती है लोगों के मन में दिवाली का उत्साह हिलोरें मारने लगता है। घर की सफाई रंगाई नयी साज सज्जा नये वस्त्रों की खरीद दारी प्रिय जनों और मित्रों को देने वाले उपहार सबकी लंबी सूची बनती है। आन लाइन या बाजार जाकर इन वस्तुओं को खरीदने के लिए काफी योजनाएं बनाई जाती हैं।

त्योहारों के उल्लास में हम उन लोगों को भूल जाते हैं जिनके पास दिवाली मनाने के साधन ही नहीं होते। जिनके बच्चे दूसरे बच्चों को नये वस्त्रों में सजा देख कर ललचा कर रह जाते हैं। ऐसी स्थिति में क्या हमारा यह कर्तव्य नहीं कि मानवता के नाते हम उनकी ओर भी थोड़ा ध्यान दें अपने मित्रों या प्रिय जनों जिन्हें हम उपहार देते हैंए उन्हें इसकी आवश्यकता भी नहीं होती और प्रायः यह उपहार एक घर से दूसरे घर में और दूसरे से तीसरे घर में भेज दिये जाते हैं। कभी कभी जो ड्रेस हम खरीदते हैंए पसंद न आने पर उसे फेंक देते हैं। कभी उनके बारे में सोचिये जो अपने बच्चों के लिए एक साधारण सा वस्त्र भी नहीं खरीद पाते।


यदि हम सब यह निश्चय कर लें कि अगली दिवाली में हर कोई कम से कम एक या एक से अधिक वस्त्र उन लोगों के लिए खरीदेगा जिनको उसकी वास्तव में आवश्यकता है तो उनके आशीर्वाद से आपकी और आपके परिवार की दिवाली अधिक मंगलमय अधिक सुखद होगी। मेरा यह विश्वास है कि यदि आप पवित्र हृदय से किसी को कुछ देते हैं तो माँ लक्ष्मी उस से दुगना आपको देती हैं। कभी आजमा कर देखिये ।

Home
Neighbourhood
Comments