Subscribe Now
Trending News

Gulmohar Park

खेल खेल में जीवन दर्शन – गुलमोहर लेडीज क्लब

गुलमोहर लेडीज क्लब की मासिक संगोष्ठी का आयोजन उन्नीस अक्टूबर दो हजार तेईस को गुलमोहर स्पोर्ट्स क्लब के भूतल स्थित कक्ष में शाम चार बजे से प्रारम्भ हुआ। अक्टूबर माह त्यौहारों का महीना था। दुर्गा पूजा, राम लीला, डांडिया, व्रत पूजा अर्चना, मन्दिरों में देव दर्शन, भजन कीर्तन, नाच गाना, छुट्टियों में भ्रमण मनोरंजन, मित्रों परिवार जनों से पारस्परिक मिलन उत्सव। इन सबको दृष्टिगत करते हुए प्रबंधन कमेटी ने तय किया कि इस बार कुछ हल्का मनोरंजनात्मक कार्यक्रम रखा जाय, जिससे विगत दिनों के व्यस्त कार्यक्रम की थकान से कुछ मानसिक व शारीरिक सुकून भी मिले और मनोरंजन भी हो।

कार्यक्रम का शुभारम्भ श्रीमती ढींगरा ने किया। श्रीमती अल्का शर्मा ने सभी सदस्याओ का स्वागत अपनी चिर परिचित मुस्कान से किया, उन्होंने कहा कि ‘‘आशा है आप सब ने नवरात्रि पर्व धूम धाम से मनाया होगा, मैं प्रबंधन कमेटी की ओर से सब सदस्याओ के परिवारों के लिए मंगल कामना करती हूं, कि सबके घरों में सुख, शांति, समृद्धि, प्रेम भाव तथा माॅ दुर्गा का आशीर्वाद बना रहे। उन्होंने कार्यक्रम का आरम्भ ‘‘नारायणी नमोस्तुते’’ स्त्रोत के सस्वर पाठ से किया और इसकी हिन्दी में व्याख्या की। इसके बाद श्रीमती रूबी जैन ने अपनी सुमधुर आवाज में दुर्गा माँ की आरती प्रस्तुत की। इन दोनों प्रस्तुतियो से वातावरण भक्तिमय राग रंग रस पूर्ण हो गया।

श्रीमती अल्का शर्मा ने एक और प्रस्तुति ‘‘मन हारा रावण है, मन जीता राम को प्रस्तुत करते हुए स्पष्ट किया कि अच्छाई और बुराई दोनों ही भाव हम सब के अन्दर हैं, यह हम पर निर्भर करता है कि हम किस भाव को चुनते हैं, और कैसा आचरण करते हैं। अच्छाई और बुराई दोनों में से एक को चुनने का द्वन्द हमेशा अन्दर होता है और हमारे संस्कार हमें जो सही है उस दिशा में ले जाने है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संशोधन नकारात्मकता हमें जीवन में नीचे की ओर ले जाती है और सकारात्मकता हमेशा उचाईयों की ओर। इसी लिए हमें अपनी सोच सकारात्मक रखनी चाहिए।

प्रबंधन कमेटी की ओर से निर्देश दिया गया था कि सभी सदस्याऐ अपने साथ दस दस रूपये के दो नोट लायें सभी के मन में जिज्ञासा थीं कि यह किस लिए। श्रीमती ढींगरा ने पूछा कि आशा है आप सब लोग दस दस के नोट ले कर आई होंगी, अब हमारा नया कार्यक्रम इसी पर आधारित है सब लोग अपने दोनों नोट बाहर निकाल ले। कुछ सदस्याऐ नहीं ला पाई थी उनको जिनके पास दो से अधिक थे उन्होंने दे दिये। जब स्पष्ट हो गया कि सब का पास दस दस के नोट है, तो श्रीमती अल्का शर्मा ने घोषित किया कि कि आज का गेम एक विशेष प्रकार की दार्शनिकता पर आधारित है (पहला) क्या ले कर आया था क्या लेकर जायेगा जो आयेगा वह जायेगा अन्त में कुछ नहीं बचेगा और वही मिलेगा जो तुम्हारे प्रारब्ध में है न उस से कम न उससे ज्यादा। (दूसरा) यदि हम परस्पर एक दूसरे की सहायता करें, साथ दे तो हर मुश्किल से निकल सकते हैं।

इन्दु भारद्वाज तथा मिसेज ढींगरा के द्वारा तमबोला के टिकट वितरित किये गए। खेल के नियम समझाये गये कि यदि बोला गया अंक (number) किसी के पास आता है तो उसके बायीं ओर बैठी सदस्या उसे दस रूपया देगी अगर वह अपने दस के दोनों नोट दे चुकी हो तो वह अपनी बायीं ओर बैठी सदस्याओ मे से जिस किसी के पास दस रूपये हो लेकर दायीं ओर की सदस्या को देगी जो भी राशि किसी के पास आयेगी वह बायें से दाये चलती (circulate) रहेगी किसी के पास संग्रहित नहीं होगी जिसके भी टिकट के सभी अंक कट जायेंगे उसे सभी सदस्याऐ अपने पास जमा राशि दे देंगी। खेल बहुत-बहुत रोचक मनोरंजक व शिक्षाप्रद था। डाक्टर अंजलि क्वात्रा इस खेल की भाग्यशाली विजेता रही। जीवन दर्शन को समझाने का इस से बेहतर उदाहरण और क्या हो सकता है।
ताश के तीन पत्ती खेल के बाद श्रीमती प्रेरणा शर्मा तथा आराधना गुप्ता के द्वारा फिर एक जीवन दर्शन गीत ‘दो लफ्जों की ये कहानी है’ प्रस्तुत किया गया।

इसके पश्चात प्रेरणा शर्मा तथा अल्का शर्मा ने रामस्तुति श्री राम चन्द्र कृपा भजनमन… सुरीले स्वर में प्रस्तुत किया अन्य सदस्याओ ने भी उनका सस्वर साथ दिया। दो गेम प्रचलित तमबोला और ताश के ओपन तीन पत्ती खेल के बाद उन सभी सदस्याओ को जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनायें और बधाइयाँ गुलाब के फूल दे कर दी गई जिंनका जन्म दिन अक्टूबर माह में था। जिन सदस्याओ के सौजन्य से उस दिन के खान पान की व्यवस्था की गई थी उनको धन्यवाद दिया गया। सभी ने स्वादिष्ट व्यंजनों का रसास्वादन किया और आपस मे गपशप।

Home
Neighbourhood
Comments