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ऋतुराज वसंत तुम्हारा अभिनंदन
Sector 93 Noida

ऋतुराज वसंत तुम्हारा अभिनंदन

नववर्ष 2023 के आगमन पर सभी पाठकों को मेरी शुभकामनांए। इस वर्ष जनवरी खत्म होते-होते वसंत की शुरुआत है। 26 जनवरी को गणतंत्रा दिवस के हर्षोल्लास में हम वसंत पंचमी भी मनायेंगे।

फागुन मास आते ही मौसम का मिजाज बदने लगता है। हिन्दू संस्कृति क अनुसार चैत्रा मास की यह ऋतु नव वर्ष के आगमन की परिचायक है। इस ऋतु की महिमा, गरिमा अन्य ऋतुओं से भिन्न हैकृयह एक प्रेरणादायी ऋतु है, जो जीवन मे आनन्द के तत्व को उभार कर एक सहज जीवन जीने के लिए प्रेरित करती हैं। वसंती बयार के मादक स्पर्श से मानव तन प्रफुल्लित हो उठता ह; ना शीत ऋतु की ठिठुरन, ना सावन की रिमझिम, ना ही ग्रीष्म ऋतु के उष्णा प्रकोप की चिन्ता होती है।

वसंत ऋतु का प्राकृतिक सौंदर्य अपने चरमोत्कर्ष पर होता है। वसुंधरा का रंग वसंती हो जाता है, पीली सरसों, पीले फूल, फूलों की घटा पर भ्रमर मकरंद पान के लिए गुंजन करते रहते है। सुबह-सुबह कोयल की मधुर कूक प्यारी लगती हैं।

कृषि क्षेत्रा भी अपनी पूर्ण पराकष्ठा लिए द्वार पर होता है। पोराणिक कथा के अनुसार ब्रहमा जी ने इसी दिन राधा और कृष्ण का परिणय कराया था। अलौकिक प्रेम के प्रतीक दिवस की धारणा, लोग इसे मांगलिक कार्यो के लिए स्वयं सिद्ध मुहूर्त मानते हैं।

वंसती परिधान धारणा करके माँ सरस्वती की पूजा अर्चना करते है, केसरिया चावल का नैवेध अर्पण होता है। अतः चराचर मे यही गूजंता है; लो प्यारी वसंत ऋतु आ गई। स्वागतम ऋतुराज!

द्वारा कुसुम भार्गव (2301, ए.टी.एस. विलेज; 9350060253)

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