रंगोली के अनेक पारंपरिक तथा आधुनिक रूप देखने मिलते है रंगोली 64 कलाओं में से एक है और ऐसा कहा जाता है कि यह कला मूर्तिकला और चित्रकला से भी प्राचीन है।
दीपावली के अवसर पर इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। सिर्फ भारत एक ऐसा देश है जहां दशहरे से लेकर दीपावली तक हर दिन घरों में द्वार पर रंगोली सजाई जाता है।
मांगल्य का प्रतीक रंगोली देवस्थान, मंदिर, आंगन, उत्सव पर आयोजित भोजन पंगत, विवाह, यज्ञकर्म, पूजापाठ, आदि छोटे बड़े सभी प्रसंगों में अपना शुभ उपस्थिति दर्ज करवाती है।
रंगोली बनाना एक कला है और जो लोग कलाप्रिय हैं वे इसे शौक से बनाते हैं। रंगोली बनाने का पहला बड़ा फायदा तो यह है कि आप इसे बनाते समय बेहद सकारात्मक महसूस करते हैं। यह प्रक्रिया आपके तनाव को दूर कर देती है।
दीपावली के अवसर पर अपने द्वारों पर बहुत सुंदर रंगोली सजाकर दीपोत्सव की संध्या को और भी रंगीन बना दिया। दीपों की जगमगाहट, रोशनी एवं आकर्षक सजावट ने संपूर्ण परिसर में उत्साह, स्फूर्ति और प्रकाश भर दिया।
Popular Stories
Football Tournament @Princeton
More Than a Festival: The Art and Power of Durga Puja
Personality of the Month- ‘Dr Usha Mediratta’
Stray Cattle Menace In Front of Galleria
The Chronicles of Malibu Towne: A Mosquito’s Tale
“Senior Living Is Not An Old Age Home” say Mr & Mrs Bose
Recent Stories from Nearby
- Unnati Celebrates Diwali with Joy and Creativity November 16, 2024
- Vividha’s Joyful Getaway: A Retreat to Remember November 16, 2024
- आनंददायी, नेत्रोदीपक अभिव्यक्ती… रंगोली November 16, 2024
- From Underprivilege to Empowerment: Chhaya’s Inspiring Journey November 16, 2024
- Dussehra Celebration: Unity and Creativity Shine November 16, 2024