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पर्युषण पर्व बड़े ही धूम धाम से
Sector 93 Noida

पर्युषण पर्व बड़े ही धूम धाम से

दिगम्बर सम्प्रदाय के लोग दस दिन तक पर्युषण पर्व बड़े ही धूम धाम से मनाते है। इस वर्ष 8 सितम्बर से 17 सितम्बर तक जैन धर्म के अनुयायी दशलक्षण अर्थात उत्तम क्षमा, उत्तम मार्दव, उत्तम आर्जव, उत्तम शौच, उत्तम सत्य, उत्तम संयम, उत्तम त्याग, उत्तम आकिंचन्य, उत्तम ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं। इन्ही आदर्श अवस्था मे अपनाये जाने वाले गुणों को दश लक्षण धर्म कहा जाता है। इनका पालन करने से मनुष्य को इस संसार से मुक्ति मिल सकती है।

पर्युषण पर्व के पहले दिन जैन मंदिर में सहस्त्रा शांति धारा, नित्य पूजा की जाती है। धूप दशमी पर्युषण पर्व का छठा दिन होता है। इस दिन को सुंगध दशमी भी कहा जाता है। मान्यता है कि धूप क पवित्रा वातावरण से भगवान खुश होकर मानव को मोक्ष का रास्ता दिखाते हैं। इस दिन जैन मंदिरों में प्रातः से दोपहर तक धूप खेई जाती है। इस दिन को मनाने के लिए जी जिनालयो को आकर्षक तरीके से सजाया जाता है। अंतिम दिन 27 सितम्बर को अनंत चतुर्दशी हर्ष उल्लास के साथ मनायी गयी।

प्रत्येक वर्ष हमे अधिकतम धर्म लाभ लेना चाहिये एवं जैन धर्म की शिक्षाओं पर अमल करना चाहिये। जैन धर्म मे क्षमा वाणी के दिन अपने से बड़े एवम छोटो से जाने अनजाने में की गयी गलतियों के लिये क्षमा मांगते है।

हमारी सोसाइटी, पार्श्वनाथ प्रेस्टीज, में 18 जैन परिवार रहते है। सभी परिवार पूजा करने के लिए जिनालय जाते है। सांय सात बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रारम्भ हो जाते है। बच्चे भाग लेने के लिए बेहद उत्साहित रहते है। बच्चों को प्राइज मिलते ही उनकी खुशी देखते ही बनती है। पहले दिन भजन संध्या रखी गयी। बच्चों ने फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में भाग लेकर पुरस्कार जीते। धार्मिक तंबोला खेला गया। बड़े एवम बच्चों से धर्म सम्बन्धित प्रश्न पूछे गये। जीतने वालो को आकर्षक पुरस्कार दिये गये।

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