हिन्दू धर्म में हरियाली तीज का विशेष महत्व है। यह पर्व हर वर्ष सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाना जाता है। सावन के महीने में प्रकृति अपने पूरे ऊफान पर होती है, हर तरफ हरा भरा वातावरण होता है इसलिए इसे हरियाली तीज कहा जाता है तृतीया तिथि होती है इसलिए हरियाली तीज कहलाती है
शिव गौरी की आराधना, सौभाग्य और सुहाग के प्रतीक एवं देवों के महादेव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के पावन पर्व पर मैं आपको हृदय से शुभकामना देती हूँ।
हरियाली तीज का पर्व महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। अखण्ड सौभाग्य के लिए इस दिन सुहागन महिलाएँ व्रत भी रखती है यह पर्व कुंवारी लड़कियों के लिए भी खास है। इस दिन सुहागन स्त्रिायाँ अपने पति की लंबी आयु, खुशहाल जीवन और अपने अखण्ड सौभाग्य की कामना के लिए 16 श्रृंगार करके भगवान शिव तथा माता पार्वती की पूजा अराधना करती है। इसे छोटी तीज के नाम से भी जाना जाता है।
इस वर्ष हरियाली तीज का त्यौहार 7 अगस्त को था जो कि सीनियर सिटीजन महिला ग्रुप ने 9 अगस्त को मनाया गया यह पर्व सोसायटी के ए. ओ.ए. की सदस्या रचना कि सिन्हा के सहयोग से क्लब हाऊस में मनाया गया।
इस समारोह में लगभग 30 प्रबुद्ध महिलाएँ उपस्थित थी जो कि हरे एवं लाल रंग के परिधानों में सुसज्जित होकर गई थी। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि साक्षात माता पार्वती ही सुहागिनों को आशीर्वाद देने आई हैं। सभागार में आते ही स्वागत करने हेतु रंजना एवं उमा त्रिपाठी प्रस्तुत थी। जिन्होंनेे मुस्कुरा कर तिलक लगाकर तथा हाथ में धागा बांधकर आगन्तुकों का स्वागत किया तथा आसन ग्रहण करने का आग्रह किया।
उपरोक्त शब्दों के साथ उद्घोषिका लक्ष्मी दीक्षित ने तीज के कार्यक्रम की शुरुआत की। सर्वप्रथम वाणी द्वारा स्वागत किया गया तत्पश्चात् गणेश जी को स्मरण करते हुए कहा कि जैसे बिना नमक के खाना फीका लगता है वैसे ही गणेश जी की आराधना के बिना कार्यक्रम अधूरा लगता है। अतः गणेश जी को प्रसन्न करने हेतु अनु शर्मा ने श्लोकों का वाचन किया साथ ही प्रभा ग्रोवर और ऊषा सिंह दीप प्रज्ज्वलन किया।
तत्पश्चात् किरण कपूर ने 16 श्रृंगार कार्यक्रम की शुरुआत की। जिसमे 16 श्रृंगार की वस्तुओं का है नाम लिखी हुई पर्चियाँ वितरित करे गाए तथा इन्हीं श्रृंगार की वस्तुओ पर आधारित गीतों का कार्यक्रम सम्पन्न करवाया। कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए शशी मुटनेजा तथा श्रीमती मंजु जौहरी ने मजेदार एवं हास्यप्रद प्रश्नोत्तरी का आयोजन कर सभागार को गुंजायमान किया। कार्यक्रम की अगली कड़ी में रेणुका वैद्य ने सबको पर्चियाँ बाँट कर तीज क्वीन प्रथम, द्वितीय और तृतीय का निर्धारण किया। शशी जुनेजा, सुदेेश और ऊषा सिंह क्रमशः तीज क्वीन रही। फिर सभी बहनों को बिन्दी के पत्ते वितरित किए गए तथा एक दूसरे को बिन्दी लगाकर सदा सुहागन का आशीर्वाद दिया तथा ढ़ोलना वाले गाने पर सभी ने धमाकेदार नृत्य किया। रवीन्दर कौर (बेबी) ने सामूहिक कार्यक्रम अत्त्याक्षरी का आगाज किया सभी बहनों ने बहुत उत्साह से गाकर नृत्य करके भाग लिया।
तत्पश्चात् इन्दु जैन एवं लक्ष्मी दीक्षित ने हास्य नृत्य नाटिका प्रस्तुत की। ‘मैं क्या करूँ राम मुझे बुड्ढा मिल गया’ गाने पर अद्भूत नृत्य देखकर सभी आश्चर्य चकित हो गाए तथा सबका मन प्रफुल्लित हो गया।
कार्यक्रम के अन्त में सामूहिक नृत्य घूमर प्रस्तुत किया रामा जिसमें दर्शक दीर्घा में बैठी हुई अपने बहने भी अपने आप रोक नहीं पाई मंजु जौहरी, स्वर्णा नंदा, सुदेश, ज्योति जैन, वीना भटेजा, मीनाक्षी झा, पूनम, माला, द्रोपदी, नलिनी, रमा बजाज, पूजा ग्रोवर, रानी झा, बीना और सुषमा आदि सभी ने अत्यधिक उत्साह से नृत्य किया सभी के सहयोग से कार्य सफल रहा। ए.ओ.ए. की सदस्या तथा सभी बहनों को बहुत धन्यवाद।
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