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सिलवर एस्टेट में त्योहार बड़े उत्साह से मनाए जाते
Sector 50 F Block

सिलवर एस्टेट में त्योहार बड़े उत्साह से मनाए जाते

भारत एक विविधता और सांस्कृतिक धरोहर से भरा देश है, जहाँ हर त्योहार और ऐतिहासिक दिन महत्व रखता है। तीज, स्वतंत्राता दिवस और जन्माष्टमी जैसे अवसर समाज की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को जीवित रख लोगों के बीच एकता और भाईचारे की भावना प्रोत्साहित करते हैं। आज कल छोटी बड़ी सोसाइटियों में भी अपने-अपने तरीके से सब त्योहार मनाए जाते हैं। हमारी सोसाइटी सिलवर एस्टेट, सेक्टर 50, में भी हर त्योहार बड़े उत्साह से मनाया जाता। सांस्कृतिक कार्यक्रम की अध्यक्षा महोदया, निशा शर्मा, और उनके सहयोगी सब कार्यक्रम का अरेंजमेंट बड़े अच्छे से करते है। ये सब त्योहार एक सात अगस्त के महीने में होने से हर तरफ खुशी का माहौल और उत्साह भरा हुआ है।

अगस्त महीने के शुरू में तीज का त्योहार सोसाइटी के कम्युनिटी हाॅल में सुंदर सा सजाकर खूब आनंद से मनाया गया। एक दिन पहले मेंहदीवाली को बुला सब महिलाओं के हाथों में मेहंदी लगवाई गई। अगले दिन सब महिलाएँ सुन्दर लाल हरे वस्त्रों में सज-धज कर कम्युनिटी हाॅल में आयी। निशा जी ने सब का तिलक लगाकर स्वागत किया। फिर कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए और कुछ स्नैक्स सर्व किए गए। कुछ खेल खिलाए गए और दोपहर का खाना भी हुआ। फिर सबने मिलकर संगीत और नृत्य का खूब आनंद लिया। पुरस्कार वितरण भी किया गया।

15 अगस्त का कार्यक्रम भी हमारी सोसाइटी में बड़ी धूमधाम और गर्व के साथ मनाया गया। यह दिन भारत की स्वतंत्राता की प्राप्ति का प्रतीक है। इस दिन का कार्यक्रम मेन गेट पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने और राष्ट्रगान गाने से शुरू हुआ। शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए बड़ों और बच्चों ने देशभक्ति गीत पेश किये। फिर चाय पकौड़ों के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ।

जन्माष्टमी, भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव का त्योहार, विशेष रूप से धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का है। हमारी सोसाइटी के उद्यान में सुंदर सजावट कर बाल गोपाल की प्रतिमा को विराजमान कर मनाया गया। इस दिन हमारी सोसाइटी में कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रम बच्चों और बड़ों द्वारा तैयार किए गए और एक विशेष रूप का तम्बोला भी खिलाया गया। बच्चों का प्रोत्साहन बढ़ाने के लिए पुरस्कार वितरण भी किये गए। फिर भगवान कृष्ण की जन्म कथाओं को सुनने और उनके दिव्य गुणों की सराहना करने के लिए पूजा और भजन कीर्तन का आयोजन किया गया। आखरि में आरती और प्रसाद वितरण के साथ जन्माष्टमी का कार्यक्रम समाप्त किया गया।

यह त्योहार न केवल सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को संजोते हैं, बल्कि सामाजिक समरसता और एकता को भी बढ़ावा देते हैं। हमें अपनी पहचान वा मूल्यों को बनाए रखने की प्रेरणा देते हैं।

तीज की चेहल पहल, 15 अगस्त की जयकार।
जन्माष्टमी की मिठास, हर त्योहार में प्यार।।
सभी मिलकर मनाएँ, हर दिन हर्षोल्लास।
भारत की संस्कृति की है हर बात कुछ खास।।

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