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संगीत सिखाते ये पक्षी
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संगीत सिखाते ये पक्षी

ये पक्षी हमारे घर के पेड़ों पर अक्सर आ जाता है। इसकी मधुर तान किसी संगीत से कम नहीं लगती। मुझे तो संगीत में प्रयुक्त होने वाले नाद, ताल और लय लिए ये एक सुर में गाता प्रतीत होता है। इसकी स्वर लहरियां सुबह की हवा के साथ वातावरण को संगीतमय बना देती है। इसके स्वरों को सुनकर कितने ही तराने दिल में हिलोरें लेने लगते हैं। आपके यहां भी ऐसी कितनी ही चिड़ियाएं व पक्षी आते होंगे। कभी ध्यान से सुनिए उनका कलरव आपको संगीत सुनाते से महसूस होंगे। बाकायदा संगीत के नाद व स्वरों की याद दिला देंगे।

मैं तो अक्सर जब ऐसे पक्षियों के समीप होती हूं तो इनकी मधुर वाणी में खो सी जाती हूं। किसी भी संगीत सीखने वाले के लिए यह चहचहाना संगीत की लय पर एक ही रिदम से से गाने से कम नहीं होता। आप भी अपने घर के बगीचे में इन स्वरों का आंनद उठाएं व इन पक्षियों को समझने की कौशिश करें।

इन पक्षियों की आवाज में ऐसा जादू होता है कि मनुष्य इनकी आवाज से सम्मोहित हो जाता है। अगर आप कोई संगीत की धुन बजाए तो यह भी देखा गया है कि पक्षी अपने सिर हिला कर प्रसन्नता दर्शाते हैं। और कोई-कोई तो अपने पंख फैला कर अपने पंजों के सहारे उचक-उचक कर घूमना भी शुरू कर देते हैं।

कई संगीतकारों ने अपने संगीत में पक्षियों की बोली को विशेष रूप से डाला है।

इस ऋतु में अपने घर के आंगन में या छत पर पक्षियों के लिए दाना पानी रखिए। अनेकों पक्षी इसे ग्रहण करने आएंगे। यह पुण्य का कार्य तो है ही साथ ही पक्षियों के संगीतमय कलरव से आपका घर आंगन गुंजायमान रहेगा।

प्रसन्नता सूचक ये आवाजें आपके कानों को तो सूकून पहूचाएंगी ही, साथ ही आपको प्राकृतिक वातावरण को भी विकसित करेंगी।

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