पिछला एक महीना देश के हर जागरूक नागरिक के लिए असमंजस भरा और बहुत अधिक शोर भरा रहा… अब जब इस माह का संवाद सनसिटी का यह अंक आप के हाथ में है संशय के बादल छंट चुके होंगे और आपके साथ साथ सभी मतदाताओं को स्पष्ट हो चुका होगा कि देश में किसकी और कैसी सरकार आ रही है, पर जिस समय मैं इस अंक के लिए आप से संवाद करने का मन बना कर कलम को हाथ में लिऐ बैठा हूं इस समय मस्तिष्क में एक शोर सा भरा हुआ है क्यूंकि हर जगह एक बहुत ही बोझिल राजनैतिक वातावरण बना हुआ है।
सुबह सुबह वाॅक पर भी प्रतिदिन मिलने वाले भी ‘राम- राम’ करने के बाद मेरा और मेरे परिवार का कुशल नहीं पूछ रहे हैं सब की जुबान पर यही प्रश्न है, कि कौन आर होगा और कौन पार, पार होगा तो कौन कितने के पार होगा।
वैसे तो मुझ जैसा मतदाता स्पष्ट रहता है कि उसको कहां मतदान करना है पर इस बार सोशल मीडिया पर होते प्रचार, नेताओं के बयानों पर बनते वीडियो, टीवी पर होती बहसों, व्हाट्सएप ग्रूपों पर होती जनता के बीच लड़ाई, दोस्तों के बीच बढ़ती कड़वाहट ने हर नागरिक के मन को व्यथित कर रखा है।
राजनीति के उस माहौल में लोग अपनी पसन्द को श्रेष्ठ मानकर एक दूसरे से सम्बंध खराब करने में लगे हुए हैं पर ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि भारत का संविधान हर मतदाता को अपनी पसंद के उम्मीदवार का चुनाव करने का अधिकार देता है और जीतेगा तो वो ही जो अधिकतर लोगों की पसंद होगा।
चुनावी दंगल में हर बार की तरह इस बार भी बहुत सी राष्ट्रीय और क्षेत्राीय पार्टियां मैदान में और अपनी अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिऐ बहुत से सच्चे झूठे वादे करने, संभव असंभव सपने दिखाने, एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने में लगे हैं।
मुझे सबसे अधिक प्रसन्नता इस बात में हो रही है कि हमारे क्षेत्रा सनसिटी का वातावर्ण शेष देश की तरह कड़वाहट से भरा हुआ नहीं है हमारी सनसिटी हमेशा की तरह गंदी राजनीति से बची हुई है।
SRWA की अनुमति से और प्रबंध में KNOW YOUR CANDIDATE जैसे कार्यक्रम क्षैत्रा में हुए और सभी विचारधारा वाले निवासियों ने उन्हें बहुत आदर से और संयम से सुना। सभी को सम्मान दिया गया जो हमारी सनसिटी को देश के अन्य क्षेत्रों से अलग बनाती है। इस बात के लिए मुझे अपनी सनसिटी पर गर्व है।
जिस चुनाव का बुखार सारे देश चढ़ा हुआ है उसी चुनाव को बेहद शालीनता से हमारी सनसिटी एक पर्व की तरह माना रही है।
मुझ जैसा मतदाता जो अपने राष्ट्र की प्रगति चाहता है, एक ईमानदार, नागरिकों के अधिकारों को सुरक्षित रखने वाली, उनका भला चाहने वाली, उनके लिए काम करने वाली सरकार चाहता है वो बहुत परेशान है, उसकी रातों की नींद उड़ी हुई है और वोह समझ नहीं पा रहा है और तय नहीं कर पा रहा है कि इस बार किसे चुनूं, क्या उसका चुनाव सही रहेगा। मतदाता इस बात से परेशान है कि यदि उसका चुनाव गलत हो गया तो वोह अपने आप को कैसे क्षमा कर पायेगा।
मुझे विश्वास है लोकतंत्रा विजयी होगा और हमारे देश को एक स्थिर और लोकप्रिय सरकार प्राप्त होगी। जय हिंद
Popular Stories
Football Tournament @Princeton
More Than a Festival: The Art and Power of Durga Puja
Personality of the Month- ‘Dr Usha Mediratta’
Stray Cattle Menace In Front of Galleria
The Chronicles of Malibu Towne: A Mosquito’s Tale
“Senior Living Is Not An Old Age Home” say Mr & Mrs Bose
Recent Stories from Nearby
- Book Review November 26, 2024
- Dogs vs. Humans November 26, 2024
- Shubh Deepawali November 26, 2024
- चार कुमारों का श्राप November 26, 2024
- Scarcity of Water November 26, 2024