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जीरो फूड वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट
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जीरो फूड वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट

राम नवमी कन्या भोजन

मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम का जन्मोत्सव पर्व चैत्रा शुक्ल प्र्रतिपदा राम नवमी हिंदु नववर्ष संवत्सर 2081 और देवी माँ की विदाई कन्या पूजन पर्व को सामूहिक रूप से बड़े धूमधाम से मनाया गया।

मधु मित्तल, सोनू राठौड़, अनुजा अग्रवाल, संगीता सिंह, रचना पांड़ेय ने रीति रिवाजों का पूर्ण रूपेण ढ़ग से अनुसरण करते हुए मनाया रामनवमी पर्व कन्या भोजन।

कन्याओं को आदरपूर्वक बैठा पावं पूजन कर घर का बना शुध्द सात्विक भोजन परोसा गया। भोजन घर पर ही शुध्द सात्विक विधि से प्रीती, सोनू, संगीता, मधु ने बनाया। भोजन ग्रहण करने से पूर्व मंत्रोच्चारण कर भोजन को प्रणाम करते हुए खाना शुरू किया गया।

अंत में कांच की लाल चूड़िया पहनाकर दक्षिणा भेंट कर मां दुर्गा स्वरूप कन्याओं को विदा दी गई।

हमारी संस्कृति में नववर्ष के आगमन, ऋतु परिवर्तन के इस पर्व को मनाने का बहुत ही अद्भुत वैज्ञानिक आधार हैं।

शरद ऋतु का अंत ग्रीष्म ऋतु का आगमन, आम्र पल्लवों पर बौर, कोयल कुहुक, पेड़ो से पुराने पत्ते झड़कर नव कोपलों का प्रस्फुरण वातावरण में चंपा, चमेली, मोगरा, जूही, बेला, मधुमालती, आदि पुष्पों की मदमाती खुशबू सब कुछ एक परिवर्तन, नव आगमन की सूचना दे रहा होता हैं।

गेंहू, चना, सरसों, अरहर, मूंग, आदि फसलों की कटाई, नई फसलों के लिए खेतों को तैयार करना, प्रकृति जैस अंगड़ाई ले करवट बदल कर नव आगमन की सूचना देती हैं।

घर घर में भजन कीर्तन, हवन करके शुध्दिकरण की प्रक्रिया, परिवर्तन का स्वागत किया जाता हैं।

नौं दिन के उपवास रखकर मन और तन दोंनो की शुध्दिकरण की अद्भुत प्रक्रिया, शरीर को मौसम परिवर्तन के लिए तैयार करना सब कुछ अद्वितीय हं।

ऐसे में हमारा दायित्व प्रकृति संरक्षण का हैैं। प्लास्टिक की थैलियों, डब्बों मैं गरम खाना भरकर बच्चों को देना न केवल स्वास्थय वरन संपूर्ण सृष्टि के लिए घातक हैं 600/800 वर्षो तक इसी ग्रह पर घूमता असंख्य जीवों, पशु पक्षियों को लील रहा हैं और धरती, जल, वायु, पर्वत, नदियों के प्रदूषण का कारण बनता अनेक जानलेवा बिमारियों का भी कारण है।

अतः हमें शपथ लेनी होगी कि आज की क्षणिक सुविधा के लिए हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को ये प्लास्टिक युक्त धरती नही देकर जाएंगें। प्लास्टिक का प्रयोग कम से कम करते हुए अपने सभी पर्व हर्षोल्लास सें रीति रिवाजों का अनुसरण करते हुए मनायेंगे।

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