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चोखी हवेली में आनंद उत्सव
Sector 39 Noida

चोखी हवेली में आनंद उत्सव

फरवरी माह की मीटिंग एक बार फिर सबकी डिमांड पर नोएडा हाट स्थित चोखी हवेली में संपन्न हुई।

सखियाँ नियत समय पर पहुंचने लगीं। राजस्थानी संस्कृति के आधार पर बनी चोखी हवेली में हमारी प्यारी सखियाँ भी थीम अनुसार लहरिया व बांधनी परिधान में तैयार होकर आयी थीं। प्रवेश द्वार पर सबका स्वागत ढ़ोल वालों ने किया। बांधनी साफे पहन कर सबने फोटो खिंचवाये। हवेली परिसर में प्रवेश करते कुल्हड़ में मसालेदार गरमा गर्म चाय का आनंद सबने उठाया।

फिर यह तय हुआ कि tambola गेम खेलने के बाद ही सब घूमेंगे। गेम खत्म होते ही सखियों की टोली चल पडी। कोई कठपुतली का खेल देख रही, तो कोई कुम्हार के साथ चाक पर मिट्टी के बर्तन बनाने लगी। कोई हाथों में मेहंदी और कलाई में लाख की चूडियां के साथ, कोई अपना हाथ ज्योतिषी को दिखाती हुई।

लोक कलाकारों द्वारा सुन्दर नृत्य देखते बनता था। उनके साथ मिलकर सखियों ने फोटो भी खिंचवायी। सिर पर कई मटके रख कर नृत्य करना, थाली पर संतुलन बनाते हुए नृत्य करना, धन्य हैं वे कलाकार जो इस विरासत को अभी तक संजोए हुए हैं।

और अब आयी खाने की बारी। राजस्थानी खाने और मनुहार करके खिलाने का अंदाज, दोनों ही प्रसिद्ध है। चोकी और पटरे पर बैठाकर खाना परोसा गया। कुर्सी मेज की भी सुन्दर व्यवस्था थी, अपनी इच्छानुसार सब बैठ गए। राजस्थानी व्यंजनों में गट्टे की स्वादिष्ट सब्जी, दाल, बाटी, चूरमा, कढ़ी, देसी घी में तर बाजरे की खिचड़ी, मक्का की रोटी और आखिर में गर्मा गर्म करारी जलेबी। पेट तो भर गया पर मन नहीं भरा।

चोखी हवेली से निकल कर सबने नोएडा हाट में लगे सरस मेले को देखा जहां देशभर से आए लोगों ने अपने स्टाॅल पर पारंपरिक चीजों की प्रदर्शनी लगाई थी। सखियाँ कहाँ पीछे रहने वाली थी, सबने खूब खरीदारी की जम कर।
एक बात तो निश्चित है कि हम शहरी लोगों के लिए माल आदि में हर वस्तु हर समय उपलब्ध है फिर भी आज भी इस तरह के मेलों का आकर्षण हमारे भीतर रहता है और उन्हें देखने व खरीदारी करने हम जरूर जाते हैं।
सखियों आप सबसे जल्दी ही मिलने के वायदे के साथ, आपकी अपनी नीरजा

अरे अरे, एक जरूरी बात कहनी रह गई, वह ये कि फरवरी माह में सत्रा पूरा हो गया है। मार्च से नया सत्रा प्रारम्भ हो जाएगा।

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