Subscribe Now
Trending News

Youngistaan Adda
Sector 104 Noida

Youngistaan Adda

कार्तिक के महीने से होती है, जश्न मनाने की शुरुआत। इसी महीने में होती है, शादियों के सालगृह की भरमार। खाना पीना, नाच गाना, मिलना मिलाना और दावतों का दौर। फिजा में उत्सव का जोश, हर दिल में उठे उमंग की बहार।

Youngistaan Adda was no different. A good number of members did celebrate their anniversary in a quiet manner and as a private affair, understandably so. But the celebration of various festivals and birthday parties continued as ever.

बुजुर्ग हुए हैं लेकिन, हम बूढ़े हुए नहीं।
बाल सफेद तजुरबे से हुए हैं, उम्र से नहीं।
हड्डियाँ पुरानी हो गयीं, पर कमजोर नहीं हैं।
साँस फूलती है, सीढ़ी चढ़ना छोड़ा नहीं।

बदहजमी हो जाए, पर अच्छा खाना पीना छोड़ा नहीं। दिल की नलकियाँ हो गयी संकीर्ण, दिल लगाना छोड़ा नहीं। जिगर में पथरी, हुआ जिगर कमजोर, दारू पीना छोड़ा नहीं। रात में आती है नींद कम, सपने देखना कम किया नहीं।

आँख, नाक, कान भी साथ देते कम, इस्तेमाल करना छोड़ा नहीं। हर जोड़, मास पेशियों में रहता है दर्द,घूमना फिरना छोड़ा नहीं। दाँतों में लगे कीड़ा या मसूड़े करें तंग, मिठाई खाना छोड़ा नहीं। आने जाने में आता है आलस, दोस्तों से मिलना जुलना छोड़ा नहीं।

थोड़ा थकने लगा हूँ, अभी तक चलना छोड़ा नहीं।
हारने लगा हूँ, जीतने का तो जज्बा छोड़ा नहीं।
दूर निकल आया हूँ जिंदगी में, मंजिल अभी मिली नहीं। कोशिश जारी है, मिलेगी मंजिल कोई और विकल्प, है ही नहीं।

परेशानियाँ नहीं हैं कम, निराश होना अब छोड़ दिया। जरूरतें हैं कम, साथ में मन्नतें माँगना भी, बंद कर दिया। बड़ा सुकून है जिंदगी में, जब से लोगों में कमियाँ ढूँढना बंद कर दिया। ज्ञान कवि के सुनहरे आए दिन, दोस्तों के साथ हर पल, आनंद लेना शुरू कर दिया।

Home
Neighbourhood
Comments