Subscribe Now
Trending News

पुण्य के लालच में पाप ना कमाएं
Sector 61 Noida

पुण्य के लालच में पाप ना कमाएं

दिन 16 अगस्त, तिथि श्रावण कृष्ण अमावस्या। इस दिन हमारे सेक्टर में और आस पास भी सुबह से ही लोग अपने अपने घरों से निकलकर कनेर के पुष्प की तलाश में निकल पड़े। हमारे सेक्टर में जहाँ भी कोई कनेर के पुष्प का पेड़ मिला लोगों ने उस पर से पुष्प तोड़ के थैले में भरने शुरू कर दिए। जिन लोगों को पुष्प नहीं मिले उन्होंने कलियाँ ही तोड़ डाली। ऐसा प्रतीत हो रहा था की कनेर के पुष्प सोने के भाव हो गए हैं। इसके बाद जब पेड़ों पर से सारे नीचे की तरफ के पुष्प खत्म हो गए तब कुछ निर्लज्ज लोगों ने फूलों के लालच में ऊंची टहनियां झुकानी शुरू कर दी और फिर क्या था, देखते ही देखते लोगों ने टहनियाँ इतनी झुकाई की वह टूटने लगी। जब टहनियाँ टूटी तब उन लोगों ने उस पर से पुष्प तोड़े और फिर उस टूटी हुई टहनी को किसी लावारिस मृत की तरह वहीं छोड़ कर अपने घर को लौट गए। यूँ तो सावन में भोले बाबा पर हर साल लोग कनेर के पुष्प अर्पित करते हैं, परन्तु इस दिन ऐसा क्या था जिस के कारण लोगों ने कनेर के पेड़ों की ऐसी निर्मम हत्या की। दरअसल इस दिन से पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो घूम रही थी जिस में बताया गया था यदि कोई सावन के पावन माह में पड़ने वाले 16 अगस्त को भोले बाबा पर एक कनेर का पुष्प और जल अर्पित करेगा तो उसे असीम कृपा का लाभ होगा। भोले बाबा पर कनेर का पुष्प अर्पित कर उनको प्रसन्न करने में कुछ गलत नहीं है लेकिन इसके लिए किसी हरे भरे जीवित वृक्ष को शती पहुंचना सरासर गलत है। और जिस वीडियो की मैं बात कर रहा हूँ उसमे केवल एक कनेर के पुष्प मात्रा भर से मनोकामना पूर्ण होने के बात की गयी थी परन्तु लोगों ने सोचा की शायद अधिक से अधिक पुष्प अर्पित करने से मनोकामना शीघ्र पूर्ण होगी या भोले बाबा शायद कुछ एक्स्ट्रा दे दें। हमारे पुराणों में भी इस बात को कहा गया है की पेड़ों से पुष्प इस तरह तोड़ें की पेड़ों को कष्ट न हो। परन्तु यहाँ तो उनकी जीव हत्या की जा रही थी। जो लोग यह सोच कर टहनियाँ तोड़ कर पुष्प एकत्रित कर रहे थे की इन पुष्पों को अर्पित कर वह पुण्य और आर्शीवाद कमाएंगे, मैं उन्हें बता दूँ की आपने पुण्य की जगह पाप कमाया है उस पेड़ की हत्या करके। हमारे पुराणों में यह भी वर्णित है की यदि आप किसी और के बागीचे के पुष्प बिना उसकी अनुमति के तोड़ कर भगवान् को अर्पित करते हैं तो पुण्य उसी को मिलता है जिसने उन पुष्प को अपने बागीचे में सींचा है। मेरा सभी से निवेदन है की भगवान् की पूजा अर्चना अवश्य करें परन्तु ऐसा करने में अपने विवेक का भी उपयोग करें ताकि आप पुण्य के लालच में पाप न कमा बैठें और अपने घरों में और आसपास अधिक से अधिक पुष्प के पेड़ लगाएं ताकि भगवान् को अर्पित करने के लिए कभी पुष्प की कमी न हो।

Home
Neighbourhood
Comments