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योग दिवसः मानवता के लिए योग
Sector 50 A-E

योग दिवसः मानवता के लिए योग

पर्यावरण संरक्षण पर कार्यरत समाज सेवा में अग्रणी संस्थायें – जन जागरण संगठन, राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ, भारतीय योग संस्थान, पांतजलि योग संस्थान – स्कूल के बच्चे और सेक्टरवासियों ने भारी संख्या में पूर्ण उत्साह, जोश और उल्लास से प्रातःकालीन बेला में सैक्टर-50 सैंट्रल पार्क मेें योग दिवस मनाया। ये उत्सव किसी भीे मौंसम बारिश की परवाह न करते हुए 20 और 21 जून को दोनों दिन मनाया गया।

20 जून के कार्यक्रम का संचालन योगाचार्या शैलजा राना द्वारा किया गया। प्रारंभ में भारतीय योगा संस्थान की वानी कपूर ने खड़े होकर गीव्रा, स्कंध, काटि संचालन आदि सूक्ष्म क्रियाएं कराई। शैलजा राना ने बहुत ही रोचक ढंग से न्निकोण, ताड़, नटराज, भूनमन, सेतुबंध, शलभ, भुजंग, आदि पेट-पीठ के बल लेटने वाले बहुत से आसन कराएं। ये आसन हमारे शरिर को स्वस्थ रखने में बहुत सहायक हैं। सन्न का अंत मधु मित्तल द्वारा प्राणायाम ध्यान, प्रार्थना, शांति पाठ करके किया गया।

21 जून प्रातः योग दिवस मनाने भारी संख्या में सब लोग पहुंच चुके थे। सामुहिक रूप से किया गया कार्य एक यज्ञ का रूप ले लेता है।

ओम् ध्वनि से पूरा पार्क गूंज उठा था। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के सदस्य, नारायण सिंह राव, ने बहुत ही प्रभावशाली ढंग से खड़े होकर सूक्ष्म क्रियाऐं और त्रिकोण, पादहस्त, आदि आसन कराएं। ये सूक्ष्म क्रियाए हमारे शरिर के जोडो और सूक्ष्म से सूक्ष्मतर नस नाड़ियोें में पैदा हुए अवरोध को दूर करनें में बहुत सहायक होती हैं।

कार्यक्रम को आगे ले जाते हुए पांतजलि योग पीठ के राजपाल सिंह चैहान ने बैठकर बहुत से आसन जैसे- उष्ट, चक्की चालान, करतल ध्वनि, तितली, और गोन्मुख आसान और अनुलोम-विलोम, कपालभांति, शीतली आदि प्राणायाम कराएं।

गहरी लंबी श्वास भरना, छोड़ना, रोकना हमारे श्वसन संस्थान, पाचन संस्थान और ध्यान (Meditation) में बहुत ही सहायक और लाभकारी होते हैं। सौ रोगो की एक दवा हास्यासन महेंद्र सिंह ने कुछ चुटकुले सुनाकर हसंना-हंसाना कराया। सारा पार्क हंसी के ठहाको से गूंज उठा।

अंत मे मधु मित्तल द्वारा योग का प्रमुख, विश्व भर में लोकप्रिय, 12 योगिक आसनों का आसन ‘सूर्यनमस्कार’ कराया।

ओम् भास्कराय नमः – प्रतिदिन विधि पूर्वक यदि सूर्य नमस्कार किया जाए तो यहि पर्याप्त होता हैं।

प्रार्थना, शांति पाठ समापन के पश्चात् मधु मित्तल नें निःशुल्क बरतन भंडार सेवा से सभी को अवगत कराते हुए पर्यावरण संरक्षण हेतु सिंगल यूज क्राॅकरी, प्लास्टिक की पानी की बोतलों का प्रयोग न करने और सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने का संकल्प कराया ।

इस दो दिवसीय कार्यक्रम में किसी भी प्रकार के डिस्पोजेबल का प्रयोग न करते हुए केलो और बिस्किट का अल्पाहार दिया गया।

सभी प्रतिभागियों, सहयोगियों का हार्दिक आभार ‘लोका समस्ता सुखिनो भवंतु’।

मधु मित्तल (एटीएस ग्रीन्स-2, 9868202540)

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