by Jyoti Bhatia (98999 95521)
कुछ वर्ष पहले तक, WhatsApp इतना प्रचलित नहीं था, हम अपने मित्रों और सम्बन्धियों को फोन करके जन्मदिवस, त्योहार या और खुशी के मौकों पर बधाई देते थे। धीरे धीरे वार्तालाप का स्थान WhatsAppऔर मेसिज ने ले लिया। टेक्नाॅलजी ने हमको बहुत व्यस्त कर दिया। फोन करने में बहुत समय ‘‘व्यर्थ’’ होता है, ऐसा लगने लगा। यूटूब, Instagram, Facebook पर ही सारी जिम्मेदारी आ गयी आपकी भावनाएँ और विचार व्यक्त करने की और ‘‘आपके अपनो’’ तक पहुँचाने की। और देखिए वो बखूबी अपने दायित्व का निर्वहन करने भी लगे आॅनलाइन आपके रिश्ते निभाकर। तब जबकि आप स्वयं उन्ही ऐप्स में लीन हैं। कैसा चक्रव्यूह है भई! इमोजी आ गए, gif गए… काम और आसान हो गया।
यहाँ तक भी समझ आया कि भाई साहब तरक्की हो रही है चारों ओर। खास मौके के लिए लच्छेदार संदेश Circulate होने लगे।
हद तो तब हुई जब मेसिज फाॅर्वर्ड होने लगे बिना पढ़े। मुझे नववर्ष पर एक परिचित का मेसिज आया wish करने के लिए। मैंने देखा कि वो मेसिज किसी पथाॅलाॅजी लैब का था जिसपर लैब का पता, Insta अकाउंट, FB अकाउंट सब लिखा था और मेरे इन परिचित का दूर दूर तक इस लैब से कोई वास्ता नहीं है। मुझे पूरा यकीन है कि उनको भी यह मेसिज Forward ही हुआ होगा। बहुत ताज्जुब हुआ कि क्या वाकई हम इतने व्यस्त हो गए हैं की बिना पढ़े मेसिज फाॅर्वर्ड कर देते हैं? दिवाली पर मेरे एक मित्रा का दिवाली बधाई का मेसिज आया। चूँकि मेसिज का पोस्ट बहुत रंगीन था, उन्होंने मुझे चुना वो भेजने के लिए। मैंने पढ़ा और वापिस जवाब दिया कि ”आपकी बधाई के साथ साथ मुझे Devendar और उनके परिवार की शुभकामनाएँ भी मिलीं। शायद हमारे मित्रा को समझ नहीं आया क्यूँकि उन्होंने मुझे confused emoji के साथ तीन चार प्रश्न चिन्ह भेजे।
जाहिर सी बात है कि उन्होंने अपने दोस्त Devendar का मेसिज सबको बिना पढ़े फाॅर्वर्ड कर दिया ।
स्वतंत्राता दिवस पर गणतंत्रा दिवस का मेसिज फाॅर्वर्ड होना आम बात है। एक व्यक्ति ने किया तो शुरू हो गया ripple effectd।
कोई भी मेसिज आए, फाॅर्वर्ड कर दो… यह पाॅलिसी है कुछ लोगों की। ना उम्र की सीमा हो, ना मेसिज के content का सलीका। किसी को भी कुछ भी भेजो और हर मेसिज हर ग्रूप पर भेजो। अफवाहें और झूठी खबरें फैलाने में भी फोर्वर्डेड मेसजेज बहुत बड़ा रोल निभाते हैं। क्या हम मेसिज की प्रमाणिकता को जाँचते हैं किसी को फाॅर्वर्ड करने से पहले?
Forword करने में कितने एक्स्पर्ट हो गए हैं हम!
पहले सिर्फ दिवाली गिफ्ट फाॅर्वर्ड होते थे बिना खोले। टूटा गिफ्ट, रंग बिरंगी जंचम, फटा tape, ने box, useless, बड़े आराम से फाॅर्वर्ड होते थे। अब messages क्या अहमियत रह गयी है? क्या वास्तव में व्यस्त हैं हम या फिर एक औपचारिकता रह गयी WhatsApp पर लिखना?
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