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सुबह की सैर का कमाल!
Sector 50 A-E

सुबह की सैर का कमाल!

पक्षियों का कलरव हो, उगते सूर्य की रोशनी हो पक्षियों का कलरव होए उगते सूर्य की रोशनी हो

ये सच है, सुबह की सैर हमारे लिए वरदान की तरह है। यह शरीर को उर्जा प्रदान करती है, ताजगी देकर स्वस्थ रखती है। सुबह का टहलना हड्डियों में मजबूती लाता है, कोलेस्ट्राॅल को कम कर वजन नियंत्रित करता है तथा आने वाली बिमारियों से शरीर को बचाता है। और जब ये सैर अपने मन-पसन्द दोस्तों के साथ एक ग्रुप में की जाए, तो यह शरीर के लिए ही नहीं वरन मानसिक स्वास्थ्य लाभ भी देती है। ऐसा सी 58 पार्क में सैर करने वाले ग्रुप का मानना है।

यह ग्रुप काफी समय से यहां सैर करने आता रहा है। ये लोग पहले सड़क पर सैर के लिए निकलते थे, पर पौलूयशन की वजह से अब काफी समय से पार्क में ही टहलते हैं। यहां आने वाले इस ग्रुप के सदस्य डा. साहब है, जो मैडिकल डिपार्टमेंट में थे जिनका नौयडा में डायग्नोस्टिक सेंटर है। उनका मानना है कि सुबह की सैर से शरीर तो तंदुरुस्त रहता ही है, साथ ही दोस्तों के मिलने, बात करने से पूरा दिन अच्छा बीतता है।

ऐसे ही मिस्टर संजीव मल्होत्रा है। वह सुबह की सैर को ट्रबल बसटर मानते हैं। इनका कहना है कि दिन की शुरूआत इस तरह से होने से इन्हें काफी खुशी मिलती है। स्ट्रैस लेबल जीरो हो जाता है। इस दिन मिं मल्होत्रा का जन्मदिन भी था, देखकर अच्छा लगा कि कि सब उन्हें मुबारक बाद दे रहे थे। ऐसे ही ये लोग गैट टुगेदर भी रखते हैं। सब लोग मिलकर सत्संग तथा कीर्तन में भी जाते हैं।

इसी तरह मिस्टर वरमा का भी कहना है कि ये सुबह की सैर आपस में सुख-दुख तथा आपसी व्यवहार साझा करने का जरिया है।

अब ये लोग सैर करते है तो पार्क में कमियों की तरफ भी ध्यान देते हैं। मि. महेंदर सिंह के अनुसार यहां बच्चों के लिए प्रयोग में आने वाले झूले टूटे हुए हैं। कयी बैठने वाली सीट उखड़ी हुईं हैं। हैज नहीं लगी है। पौधों की छंटाई की तरफ भी ध्यान नहीं दिया जाता। मि.मलहोत्रा के अनुसार बरौला से कयी लोग ऐसे आ जाते हैं जो एबुयजिग भाषा का प्रयोग करते हैं, जो महिलाओं तथा छोटे बच्चों के लिए ठीक नहीं और जिससे उनका आना यहां कम हो गया है।

मि. अखिल भटनागर के अनुसार यहां पौधों में नियमित पानी, खाद, आदि भी नहीं दिया जाता। पानी की भी सुविधा नहीं है, पहले पौधों पर फूल आ रहे थे पर अब सब सूखा पड़ा है।

मि. सिह ने हौटीकलचर वालों को बुलाया था, उसमें सुखपाल ने काफी सहयोग किया। अब ये सब फिर से ऐसी ही कार्यवाही की उम्मीद करते हैं तथा आर.डब्लु.ए. का सहयोग चाहते हैं।

तो देखा आपने, एक सुबह की सैर क्या क्या कमाल दिखा गई! सी 58 पार्क की तरह आप भी अपने पार्क जाइए, और सैर के बहाने पार्क को संवारने में ‘संवाद’ की चल रही इस मुहिम में शामिल हो कर हमें अपने पार्क का हाल बताइए। अपनी शारीरिक व मानसिक व्यायाम के साथ पार्क की तरफ नौएडा अथोरिटी व हौटिकलचर वालों का ध्यान आकर्षित कीजिए।

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