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सर्दियों में खान-पान का लुत्फ
Sector 92 & 93B

सर्दियों में खान-पान का लुत्फ

नवंबर आते ही सर्द हवाएं दस्तक देने लगती है। मीठी सर्दी में जरूरत पड़ती ह वातावरण को गर्म और स्वयं को सर्दी से बचाने की। ऐसे में स्वयं को गर्म कपड़ों में लपेटना ही नहीं होता बल्कि अपने खान-पान में भी बदलाव लाना बेहद जरूरी होता है। यूं तो सर्दियों में खाने पीने में बहुत वैरायटी हो जाती है। प्राकृतिक रूप से बहुत सारी सब्जियों मार्केट में होती है। जैसे आजकल हरी सब्जियों की बहार है जो आयरन और कैल्शियम तथा पोषणता का भरपूर स्तोत्रा है। इसे हम कयी तरीके से खाने में प्रयोग कर सकते हैं। यह इम्यूनिटी बूस्टर भी है।

गेझा गांव और सेक्टर के पास लगने वाला साप्ताहिक मार्केट मे हमारे सेक्टरवासी बहुत ही चाव से साग भाजी छांटते दिखते है। सरसों के साग व मेथी बथुआ सर्दियों की देन है। सरसों के साग में देशी घी डालकर मक्की की रोटी से खाने का जो आनंद सर्दियों में आता है, वह अकथनीय है। बाजार में सब्जी विक्रेता के पास जितने आजकल हरी सब्जियों के खरीदार दिखते हैं, वह अन्यथा नहीं दिखते। इस सबके साथ मूली, गाजर, शलगम भी सर्दियों की ही सब्जियां है जो हमारे शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी है।

सर्दियों में सड़क के किनारे मूंगफली, गजक वाले भी हमारे आकर्षण के केंद्र होते हैं। मूंगफली के ढेर पर जलता मिट्टी का बर्तन गर्म सिकी मूंगफली लेने के लिए आपके हाथ अनायास ही बढ़ जाते हैं। हमारे मार्केट मे किनारे लगे गजक मूंफली के ठेलों की रौनक कडकडाती सर्दी मे स्फूर्त ले आती। लोहणी नजदीक आते ही मूंगफली और तिल की वैरायटी देख दिल खुश हो जाता। धूप में बैठकर मूंगफली, गजक का सेवन आंनदायी है व शरीर को लाभ पहुंचाता।

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