Subscribe Now
Trending News

सद्भाव उत्सव
DLF5

सद्भाव उत्सव

हँसना ऐसी मूल प्रवृत्ति है जो केवल मनुष्य में ही पाई जाती है, अन्य किसी जीव में नहीं, तो क्यों न हम ईश्वर के दिये इस वरदान का भरपूर उपयोग करें? दूसरा वरदान, जो प्रभु ने मानव को दिया है, वह है संवेदनशील हृदय का। यदि इन दोनों भावों को मिला दिया जाय तो हमें उन्हें भी हंसने का अवसर देना चाहिए जो इससे वंचित हैं और इसी उद्देश्य से प्रेरित होकर सद्भाव उत्सव का आयोजन 14 सितंबर को डब्लू 3 पार्क में शाम 5 बजे किया गया।

इस आयोजन की प्रेरणा लोगों के निराश चेहरों को देख कर
मिली थी, और इनकी खुशी के लिये कुछ करना है, इस दृढ़ संकल्प
ने इसे साकार किया, जिसमें मेरी सभी मित्रों ने सहयोग दिया।

इस में पुरुषों को भी आमंत्रित किया गया था क्योंकि महिला वर्ग तीज, होली, दिवाली सभी उत्सवों को मिलकर मना लेती हैं किंतु पुरुष इस तरह के आयोजित उत्सवों से वंचित रह जाते हैं। इस उत्सव के माध्यम से सभी एक दूसरे से परिचित होकर, कुछ क्षण हंस- बोलकर, खा पीकर, साथ साथ मनोरंजन करके बिता सकें, मैत्राी और सद्भाव का विस्तार कर सकें, यह इस उत्सव का दूसरा उद्देश्य था।

निश्चित समय पर सभी पार्क में एकत्रित हो गये। 55 अतिथियों का स्वागत इंदु अरोड़ा ने गुलाब जल की सुगंधित फुहार से किया। श्री जयदीप नाथ ने दीप प्रज्ज्वलित किया और यह आशा व्यक्त की गई कि दीपों का यह प्रकाश सबके हृदयों में छाए निराशा के अंधकार को दूर कर सके। स्वागत के पश्चात श्रीमती सरस्वती नाथ ने, जो आर्ट ऑफ लिविंग की सम्मानित, वरिष्ठ शिक्षिका हैं, अपने मधुर प्रेरक गीत’ तू ही सागर है तू ही किनारा, ढूंढ ता है तू किसका सहारा’, सभी को यह संदेश दिया कि हम स्वयं सशक्त हैं, किसीके सहारे पर निर्भर नहीं।

सभी पुरुषों से निवेदन किया गया कि वे अपना परिचय स्वयं दें।
शीतल पेय का वितरण किया गया और फिर शुरू हुआ मनोरंजन का सिलसिला। सबसे पहले’ फटाफट’ खेल पिंकी द्वारा खिलाया गया। सभी यह देख हैरान थे कि वे विशेष अतिथि जो व्हील चेयर पर चुपचाप बैठे रहते थे उन्होंने भी पूरे जोश से यह खेल खेला और उन्हीं में से श्रीमती क्लादेत जो डब्लू 3/93 की निवासी हैं और 91 वसंत देख चुकी हैं, विजयी हुई। सरस्वती जी भी इस खेल में विजयी हुई।

गर्मी अधिक होने के कारण आइस क्रीम वितरित की गई। अब बारी थी विशेष अतिथियों के लिये आयोजित विशेष खेल की। रेणु जैन द्वारा आयोजित ताश के इस खेल को भी उन्होंने पूरे मनोयोग से खेला और टेबल पर रखे अनेकों सुंदर उपहारों को जो केवल विजयी को मिलते, उन्होंने सभी 6 लोगों में बराबर से बांट लिया। उनकी इस सद भावना को देख सभी भावुक हो गये।

तीसरा खेल था हेड एंड टेल का जो सभी के लिए था और इसमें श्री प्रेम टंडन विजयी हुए।
स्वस्थ जीवन के लिये योग जरूरी है। योग के लिए श्री रविंद्र ने सरल व्यायाम बताये जिस से सभी लाभ उठा सकें। अगले लकी ड्राॅ के खेल में श्रीमती इंदिरा अरोड़ा ने पुरस्कार जीता।

विजेताओं को पुरस्कार में सुंदर पौधे श्री वीरेंद्र शर्मा और डाॅ रस्तोगी द्वारा दिये गये। सभी विशेष अतिथियों को आदर और विनम्रता के साथ उपहार दिये गए। उनके साथ आये सहयोगी गणों को भी उपहार दिये गए।
अब बारी आई चटपटे व्यजनो की। सभी ने इसका आनंद उठाया।

सभी के चेहरों पर खिली मुस्कान देख कर उन नन्हे शिशुओ का आभास हो रहा था जो मित्रों के साथ खेल कर खुश हो जाते हैं और उनकी इस खुशी को देख कर हमें भी अभूत पूर्व हर्ष का अनुभव हो रहा था।
सद्भावना के साथ उठाया गया यह प्रथम चरण आगे अनेक चरणों को जोड़ता रहेगा, ऐसा हमारा विश्वास है।

Home
Neighbourhood
Comments