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सखी सहेली गोष्ठी
Sector 93 Noida

सखी सहेली गोष्ठी

सहेली गोष्ठी शशी जिन्दल के निवास 0974 पर होनी तय थी। इस बार विषय भी बहुत दिलचस्प था। हमारे धार्मिक ग्रन्थों में पंच कन्या का विवरण मिलता ह ____ अहिल्या, कुंती, द्रोपदी, तारा और मन्दोदरी, इन्हें पंचकन्या कहा गया है। कहा जाता है कि प्रातः काल इन्हें स्मरण करने से सभी पापों का नाश हो जाता है। ‘‘पंचकन्याः स्मरेतन्नित्यं महा पातकनाशम्’’ अब इस श्लोक को सेकर कई जिज्ञासाएं भी हैं, इन्हें कन्या क्यों कहा गया? जबकि ये विवाहित महिलाएं थीं, ये माताएं भी थीं। इस विषय पर डा. विभा नें अच्छी वार्ता की, विवेचना किया। अन्य सदस्यों ने भी अपनें-अपनें दृिष्टकोण रखे, और अच्छी वार्ता चली। कुल मिलाकर यह एक सार्थक गोष्ठी रही। शशि जिन्दल मेहमानवाजी में दक्ष हैं। बहुत प्रेमपूर्वक भोजन परोसा गया। वार्ता के साथ ही साथ सबने स्वादिष्ट भोजन का भी आनंद उठाया। गोष्ठी में भाग लेने वाले सदस्य सरोज अग्रवाल (1102), वीना गर्ग (1101), मीना संघल (5512), प्रतिभा जैन (1974), कुसुम भार्गव (2301), मीना शर्मा (1854), कुमुद माहेश्वरी, शैली बोस, साधना चैधरी, लता गोयनका, वीनू सेन और विभा चतुर्वेदी थे।

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