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श्रावण मास और भक्ति का प्रवाह
Sector 77 Noida

श्रावण मास और भक्ति का प्रवाह

हिन्दु धर्म में श्रावण मास का विशेष धार्मिक महत्व होता है। इसे साल का सबसे पवित्रा महीना माना जाता है। श्रावण में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा बहुत ही श्रध्दा और भक्ति भाव से की जाती है। इस बार का सावन माह दो दुर्लभ संयोगो से भरा हुआ है पहला तो इस बार श्रावण मास की शुरूआत सोमवार के पवित्रा दिन से हो रही है।

सरा इस बार पूरे सावन में कुल 5 सोमवार होंगे, सोमवार को प्रीति आयुष्मान योग के साप सर्वार्थ सिध्दि योग भी बना रहा है। इसको लेकर मान्यता है कि जो भी इस योग मे पूजा करता है भगवान शिव से उसको कई गुना फल की प्राप्ति होती है।

इस वर्ष श्रावण मास 21 जुलाई से प्रारंभ होकर 19 अगस्त 2024 को खत्म होगा। एलिट होंम्ज सोसायटी के सभी भक्तवृन्द श्रावण मास मे होने वाले कार्यक्रम के लिए बहुत ही उत्साहित थे। श्रावण मास के प्रथम सोमवार के दिन प्रातः 5ः30 बजे रूद्रभिषेक किया गया। इस अभिषेक में अनुज श्रीवास्तव, विमल जैन, श्री भुटनेजा, प्रमोद दीक्षित तथा अजय सिन्हा आदि भक्तों ने विशेष भूमिका निभाई। इसके साथ प्रभा ग्रोवर अमिता कौशिक, प्रभा सिंह, मंजु जौहरी, शशी भुटनेजा आदि अनेक महिलाओं ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रथम सोमवार को खुशी से झूम झूम कर नमः शिवाय का जाप कर रहे थे।

श्रावण के प्रथम सोमवार से ही दिन मे शाम 5ः30 बजे से रामचरित्रा मानस के मास पारायण पाठ का शुभारंभ किया गया। पाठ का वाचन प. श्री अमरनाथ जी के द्वारा किया जाता है। यह पाठ पूरे श्रावण मास चलेगा। मास के अंतिम सोमवार को रामचरित्रा मानस के पाठ की पूर्णा होगी।

इसी भाँति रूद्रभिषेक भी प्रतिदिन मंदिर में भक्तों के द्वारा करवाया जाता है। यह क्रम श्रावण मास के अन्त तक अबाध गति से निरंतर चलता रहेगा। भगवान शिव तथा माता पार्वती से यह प्रार्थना करते है कि जो भी, भक्त तन मन और धन से पूर्ण निष्ठा से आपकी भक्ति करते है आप उनके जीवन में सुख शान्ति और समृध्दि प्रदान करें और सदा सर्वदा आपकी कृपा सभी भक्तो पर बनी रहे।

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