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लेडिज फोरम की मीटिंग 27th सितंबर को AVI क्लब में संपन्न हुई
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लेडिज फोरम की मीटिंग 27th सितंबर को AVI क्लब में संपन्न हुई

सितंबर माह फिर एक बार त्योहारों की रौनक लेकर आया। शिक्षक दिवस, हिन्दी दिवस, बिटिया दिवस, हरितालिका तीज, गणेश चतुर्थी, विश्व कर्मा पूजा, अनंत चैदस, गणेश विसर्जन, पितृपक्ष, पर्युषण पर्व।

मीटिंग की थीम रखी लाल, सफेद और काला। अपनी रुचि के अनुसार रंग पहनने की छूट दी गई। खुशी तो तब होती है जब कोई सखी आकर कहती है कि अलमारी मे सहेजकर रखी सालों पुरानी साड़ी या ड्रेस थीम के अनुसार काम आ गई। छंहउं की अनुपस्थिति मे फोटो सेशन की जिम्मेदारी सुनयना भूटानी व अन्य सखियों ने पूरी तरह से उठायी।

थीम पर आधारित जंउइवसं सबक लिए आकर्षण का विषय था।

शशि गुप्ता ने बिटिया दिवस के अवसर पर एक सुन्दर स्वरचित कविता पढ़ी। जिसका शीर्षक था कन्यादान।
कविता के माध्यम से एक प्रश्न सबके सामने रखा कि कन्यादान करके एक बेटी विदा होती है और दान में एक बहु घर आती है फिर एक बेटी और एक बहु क्यों कहलाती है?

उनकी कविता पूरी होते ही फोरम में चर्चा का विषय छिड़ गया। रंजना जैन, अंजलि गुप्ता, सुमिता चोपड़ा, रंजना मेहरा ने अपनी राय रखी। निचोड़ यह था कि बेटी कोई वस्तु नहीं है जिसका दान किया जाय और दान देने के बाद उस वस्तु पर देनेवाला अधिकार नहीं रह जाता। पुराने समय से यह प्रथा चली आ रही है इसमे किसी तरह का परिवर्तन गहन अध्ययन का विषय है। हाँ वर्तमान मे एक बात जरूर दृष्टिगोचर हो रही है कि बहु और बेटी को जीवन रूपी उपवन के दो सुन्दर फूल मानते हुए पूरी शिद्दत के साथ समान रूप से सींचा जा रहा है।

एक छोटा प्यारा सा गेम जो बचपन मे बर्थ डे पार्टी मे हम सबने खेला होगा, पासिंग द पार्सल, सब सखियों ने मिलकर खेला। कुछ खाली पर्चियों पर जय श्री राम लिखा था, शेष पर्चियों मे कुछ दिलचस्प प्रश्न लिखे थे, सही जवाब देने वाली सखियों को उपहार स्वरूप चाॅकलेट दी।

स्वादिष्ट स्नैक्स, लंच व कुल्फी ने सबकी रसना को तृप्त किया।

आप सबसे एक बार फिर मिलने को आतुर। दीपावली मीटिंग मे आप सबकी प्रतीक्षा रहेगी।

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