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राम मंदिर में भागवत कथा
Panchshila Park

राम मंदिर में भागवत कथा

कार्तिक मास के उपलक्ष्य में श्री राम मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया जिसको इस्कोन मंदिर से आये हुऐ श्री सहस्त्रा बाहु दास जी ने श्रवण कराया। प्रथम दिवस 20 नवम्बर को 1ः30 बजे कलश यात्रा का आयोजन किया गया था जिससे सभी महिलाओं ने पीले वस्त्रा पहने उन्हें पीले दुपट्टों से किरन डेंग जी ने सुसज्जित किया बहुत ही सुन्दर दृश्य था मृदंग की थाप पर सभी ने नृत्य किया और ठण्ब्ण्क्ण् इसवबा होते हुऐ वापिस राम मंदिर आये। जहाँ पर व्यास पूजा के पश्चात् कथा का आरंभ हुआ।

यूँ तो मंदिर मंे भागवत कथायें होती रहती हैं परन्तु हर एक का अपना तरीका होता है कथा को व्यक्त करने का। श्री सहस्त्रा बाहु दास जी ने बीच 2 में ब्रज भाषा में कथा श्रवण कराई जिसका आनन्द ही अलग होता है। रूकमणि विवाह के दिन ही तुलसी विवाह भी कराया गया। रूकमणि विवाह में दो कथाओं को राधा कृष्ण रूप में प्रस्तुत किया गया। उनका स्वरूप कुछ ऐसा उभर कर आया मानों साक्षात कृष्ण एवं राधा राम मंदिर में आ गये हों।
प्रतिदिन भिन्न 2 प्रकार के प्रशाद वितरित किये गये जिनसे ये होड़ रही कि हम ज्यादा से ज्यादा प्रशाद वितरित करे बड़ी श्रध्दा के साथ सभी ने तन मन धन से सहयोग किया। शशि तनेजा जी ने अपने सुन्दर फूलों से मंडप को सुसज्जित किया छटा ने चार चाँद लगा दिये थे। पंचशील में सभी श्रद्धालुओं कर हृदय से धन्यवाद जिनके सहयोग से इन कथाओं का आयोजन सुन्दर ढग से पूर्ण होता है।

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