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राजस्थान की मरूभूमि में पली और बढ़ी लक्ष्मी जी बहुत ही हँसमुख, ज्ञाता एवं मिलनसार है
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राजस्थान की मरूभूमि में पली और बढ़ी लक्ष्मी जी बहुत ही हँसमुख, ज्ञाता एवं मिलनसार है

कहते हैं कि जो हमारे पास है हम वही सबको बांटजम है। हमारी सोसाइटी एलीट होम में रहने वाली श्रीमती लक्ष्मी शर्मा भी यही करती है। राजस्थान की मरूभूमि में पली और बडी लक्ष्मी जी बहुत ही हँसमुख, ज्ञाता एवं मिलनसार है। उन्होंने 37 साल तक राजस्थान के विभिन्न राजकीय महाविद्यालय में वाणिज्य विभाग में प्रखर व्याख्याता के पद अपना योगदान दिया। 2016 में सेवा निवृत्त होकर उनकी रूचि भारत के महान ग्रंथ श्रीमद्भागवत में हुई।

उन्होंने अपने कार्यकाल में कई समितियों में संकलन का काम भी किया है।

उन्होंने गुरु माॅ चैतन्य मीरा से सीखना शुरू किया। महामारी बवअपक के दौरान आनलाइन ज्ञान प्राप्त किया। गुरु माॅ संचालित गोविंद गीता समिति कि सदस्य होने से उनको अपना ज्ञान बांटने का जब भी मौका मिलता है जैसे किसी को आनलाइन या आफलाइन इींहअंक गीता का अध्ययन करना हो तो वह निेीनसाल्क सिखाती है।

इसके अलावा वह सोसाइटी के मंदिर के विभिन्न कार्यों मे सक्रिय रहती है। जो कोई भी हिंदी जानता हो और संस्कृत में गीता सीखना चाहता हो वह सीख सकता है इसका कोई शुल्क नहीं ह। उनका मानना है की ईश्वर से हमें जो भी मिला है हमें उसको बांटना चाहिए।

सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने संस्कृत में गीता पढ़ाने का काम किया।

लक्ष्मी जी शुरू से ही अपने आप को कहीं ना कहीं व्यस्त रखती हैं उनको रिश्ते बनाना और उन्हें निभाना बहुत अच्छा लगता है अभी भी वह अपने सभी पुराने साथियों के संपर्क में है उनको विभिन्न व्यंजन बनाने का, बुनाई का, अलग अलग विषय की किताब पढने का भी शौक है।

आज के समय में इंग्लिश जर्मन फ्रेंच वगैरह सीखने के कई संस्थान मिल जाएंगे लेकिन संस्कृत जो हमारी मातृभाषा का मूल है वहां बहुत ही कम लोग सिखा सकते हैं जिनमें से एक हमारी लक्ष्मी जी भी है।

इस काम से वह संतुष्ट है की वहां समाज में आध्यात्मिक जागृति लाने में अपना योगदान दे रही है उन्हें भजन गाना नृत्य करना कथा में जाना भगवत कार्य में हिस्सा लेना लड्डू गोपाल जी की सेवा करना विभिन्न तरह के अचार और पकवान बनाना भी अच्छा लगता है।

लक्ष्मी जी अपने पति एवं 2 पुत्रा एक पुत्री के साथ अपना सेवानिवृत्त जीवन खुशी से व्यतीत कर रही है वह एक बहुत ही अच्छी प्यारी दादी व नानी है पिछले आज 6 साल से लक्ष्मी जी एलिट होम्स में आई है तब से हमें सोसाइटी की विभिन्न प्रवृत्तियों में उनकी अनुभव का लाभ मिल रहा है उनको अपने सभी कार्य में चाहे वह पढ़ाई हो या नौकरी हो सभी जगह उनके पति का पूरा सहयोग मिला है मंदिर या सोसाइटी में कुछ भी सांस्कृतिक आयोजन होता है तो उसके बारे में अपने आप ही आगे बढ़ कर आर्टिकल लिखती हैं

by Vaishali Shah (E-1403, Elite Homz)

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