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ये शाम कुछ अलग थी…
Sector 93 Noida

ये शाम कुछ अलग थी…

प्रसिद्धि के शिखर पर पहुंचे व्यक्ति का व्यक्तित्व करिश्माई होता है। उनके बारे में जानने की जिज्ञासा बनी रहती है। कई बार जिंदगी के कुछ पन्ने तो अनपढे़ ही रह जातें हैं। और जब सामने आते हैं तो उनके व्यक्तित्व का एक और नया रूप सामने आता है। भारतीय सिनेमा के शिखर पर चमके एक सितारे की कहानी, सिनेमा में रूचि रखनें वालों को बखूबी पता होगी। पर फिर भी कुछ तथ्य अनछुए ही रह जातें हैं। हालांकि वह बेहद दिलचस्प होतें हैं।

ऐसे ही एक बुलंदी पर पहुंचे सितारे, दिलीप कुमार, के जीवन के कुछ रोचक कहानी हमारे बीच लेकर आए दो कलाकार, सादिया रहमान और याकूब गौरी। ये दोनों ही कलाकार दूरदर्शन और टी.वी. के परिचित चेहरें हैं,और स्थापित कलाकार हैं जो वर्तमान में सिनेमा और OTT से जुड़े हैं।

स्वागतम् क्लब के लिए यह एक खास दिन था, सदस्य अपनें पतियों के साथ आमंत्रित थे। और उनके लिए ये एक विशेष आयोजन किया गया था। इन दोनों कलाकारों ने अपनें खास अंदाज में दिलीप कुमार की जीवनी से ‘‘पिता और पुत्रा’’ के संबंधों का सजीव चित्राण किया। पिता का प्रेम, पुत्रा के भविष्य से अपेक्षाएं। पिता के प्रति सम्मान, सब कुछ जीवंत हो उठा।

कलाकारों ने नाटकीय अंदाज में संवाद बोल कर सबको सम्मोहित कर दिया। सभी का ध्यान सिर्फ इस बातचीत पर ही था। हाॅल में सिर्फ इन्हीं दो कलाकारों की बातें और सिर्फ सन्नाटा! हाॅल भरा हुआ था लेकिन कहीं कोई और आवाज नहीं। प्रोग्राम खत्म हुआ, लोगों के मन में कुछ बातें थीं कुछ उतसुक्ता थी। ये सब बातें हुईं और इसके बाद सुस्वादु भोजन परोसा गया। इस शाम की खुमारी लिए सबनें विदा ली। इस शाम की तो बात ही कुछ अलग थी।

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