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पिकनिक जिसमें लगा कि मेरा बचपन लौट आया
Sector 40 & 41 Noida

पिकनिक जिसमें लगा कि मेरा बचपन लौट आया

‘मैत्राी’ की वार्षिक पिकनिक 15ए पार्क में भरपूर साजो सामान के साथ मनाई गई। जिसमें तरह-तरह के खेल थे। हँसी थी, मज़ाक थे, ईनाम थे, खाना था यानी बहुत सारा मनोरंजन था। खाना यदपि मैत्राी की ओर से था। मगर सभी मित्रागण तरह-तरह के व्यंजन साथ लेकर आये थे। सुरेन्द्र-पकौड़े, नीलम-सैण्डविच, सुधा-अमरुद, कोई चाँट, कोई मूँगफली, कोई मीठा वगैरह-वगैरह।

म्यूज़िकल चेयर खेला गया चूँकि कुर्सियाँ नही थी तो बड़े गत्ते के टुकड़ो का प्रबन्ध था (मैत्राी के सदस्य काफी कल्पनाशील हैं) हा हा हा। ऐन मौके पर म्युज़िक सिस्टम धोखा दे गया तो मानवीय सिस्टम और थाली चम्मच का सहारा लिया। इस खेल की विजेता रही रमा जी और नीरा जी। खेल के परिवर्तित रुप ने आनन्द बढ़ा दिया।

पासिंग द पार्सल की विजेता रहीं मधू जी। इस खेल के आडट होते खिलाड़ियों को उठक बैठक लगा कर गाने सुनाने थे। फिर तम्बोला और अन्य खेल हुये। खाने में चाय, पूरी-सब्जी, रायता, गाजर का हलवा, सूजी का हलवा सब कुछ था।

पिकनिक बहुत शानदार रही। इस सिलसिले में एक बात समझ आती है कि जगह-जगह पार्क होना और पार्को का व्यवस्थित और स्वच्छ होना बहुत आवश्यक है। नोयडा की डिजायनिंग में इस बात का काफी ख्याल रखा गया हैं। 15ए पार्क भी इसी सिलसिले की एक कड़ी है। सर्दियों में इनकी एक कड़ी है। सर्दियों में इनकी महिमा और बढ़ जाती है। लोगों को पार्कों में निकलना चाहिए। पिकनिक भी करनी चाहिए पार्क संस्कृति बननी चाहिए कि लोग बाहर निकल कर मिल बैठ कर खाये मनोंरंजन करे फिर वहाँ की सफाई भी करें। हम भी अपना सारा कचरा सहेज कर कूड़ेदान मे डाल कर आये।

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