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निर्जला एकादशी – जल सेवा/फल सेवा
Sector 77 Noida

निर्जला एकादशी – जल सेवा/फल सेवा

निर्जला एकादशी का व्रत ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है। हिन्दु धर्म में एकादशी का व्रत का मात्रा धार्मिक ही नही हैं। ये व्रत मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के नजरिए से भी बहुत महत्वपूर्ण है एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की आराधना को समर्पित होता है।

निर्जला एकादशी का व्रत करके श्रध्दा और सामथ्र्य के अनुसार दान करना चाहिए। इन दिन विधि पूर्वक जल कलश का दान करने वालों को पूरे साल की एकादशियों का फल मिलता है।

निर्जला यानि यह व्रत बिना जल ग्रहण किए और उपवास रख कर किया जाता है। इसलिए यह व्रत कठिन तप और साधना के समान महत्व रखता है। इस व्रत को भीमसेन एकादशी या पाडंव एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
एलिट होम्ज़ मंदिर परिसर मे निर्जला एकादशी के दिन प्रातः काल से ही पूजा अर्चना करने तथा दान देने के लिए तांता लगा रहा।

विभिन्न तरह फल, चीनी, शरबत तथा जल पात्रा लेकर भक्तजन मंदिर की तरफ आते हुए नज़र आए। वही प्रातः10 बजे से मंदिर परिसर छबील भी लगाई गए तथा 50 किलोग्राम आम भी वितरित किए गए। श्रीमती रानी शर्मा के नेतृत्व में महिलाओं के द्वारा 25 लीटर दूध, 10 किलो चीनी तथा 15 बोतल शरबत मिला कर बर्फ डालकर स्वादिष्ट पेय प्रदार्थ तैयार किया गया तथा सोसायटी मे कार्यरत सभी कर्मचारियों को, सफाई कर्मियों को घरों में काम करने के आने वाली महिलाओं को पिलाया गया। तत्पश्चात् सोसायटी के बाहर भी ठंडा शरबत पिलाया गया।

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