“नारी समाजस्य कुशल वास्तुकारः’’
जी हां, नारी ने ही समाज को राम, कृष्ण, गुरु गोविंद सिंह, ईसा मसीह और हजरत मोहम्मद का उपहार दिया है। क्या बिना नारी के इनका अस्तित्व संभव था?
किंतु कैसी विडंबना है कि समाज की आधारभूता नारियों को अपना नारी दिवस स्वयं ही मनाना पड़ता है, अर्थात अपनी पीठ स्वयं ही थपथपाना पड़ता है। नारी दिवस यों तो 8 मार्च को था किंतु उस दिन शिवरात्रि होने के कारण वेलिंग्टन की महिलाओं ने इसे 10 मार्च को आयोजित किया। निर्देशानुसार सभी महिलाएं शाम 4 बजे नीले रंग की साड़ियों में सज्जित होकर आईं। साड़ी नारी की गरिमा और नीला रंग आकाश की भांति उनकी महानता और व्यापकता का परिचायक था।
कार्यक्रम दो भागों में विभाजित था विचार विनिमय और मनोरंजन। श्रीमती सरस्वती नाथ ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और केवल महिला दिवस के दिन ही नहीं, हर दिन, महिलाओं के सम्मान को समाज के लिए आवश्यक बताया। इसके लिए नारी को खुद भी खुल कर जीना पड़ेगा। अपने गीत ‘‘आगे भी जाने न तू, पीछे भी जाने न तू, जो भी है बस यही एक पल है’’ के द्वारा उन्होंने यह संदेश दिया कि नारी को हीन भावना से ऊपर उठ कर अपने स्वाभिमान, गौरव और अधिकारों की रक्षा के लिए स्वयं भी प्रयास करना होगा।
ग्रैंड आर्च से आई अंजु मनचंदा ने कहा वह समय गया जब नारी अबला कहलाती थी, आज वह सबला है। उसे सक्षम बनाने में परिवार का सहयोग आवश्यक है। उसे आत्मनिर्भर बनाने और आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायता करें।
एक्सक्लूसिव फ्लोर की सुनीता ने कहा हमारा कर्तव्य उन नारियों को भी जगाना है जो अनपढ़ और प्रताड़ित हैं, अपने को असहाय समझती हैं। उन्हें बताना है कि तुम सृष्टि का वरदान हो।
आर डी सिटी से अपना योगदान देने आई क्वीन ने बताया कि 2020 में चलाए ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’’ अभियान के बावजूद बालिकाओं की संख्या बालकों की अपेक्षा आज भी कम है। महिलाओं के उत्थान के लिए श्रीमती
सुधामूर्ति जैसी हस्तियों की आवश्यकता है।
वेलिंगटन की श्रीमती मृदुला भटनागर ने नारी को ज्ञान, भक्ति, वीरता, संगीत हर क्षेत्रा में अग्रगण्य बताया किंतु पुरुषों जैसा पहनावा, और पश्चिमी सभ्यता का अंधानुकरण कर उससे होने वाले दुष्परिणामों की ओर भी संकेत किया।
विचार विनिमय के पश्चात नीलम जी द्वारा लाए केक को नव दुर्गा के प्रतीक रूप में नौ सम्मानित नारियों ने मिलकर काटा।
कार्यक्रम का दूसरा भाग मनोरंजन का था। सरस्वती जी के खेल ने सबका भरपूर मनोरंजन किया, जिसमें सुमन और मीरा विजयी हुईं। बिना पैसे दिए तंबोला के खेल में सरिता पहूजा, रेखा मिश्रा, मंजू शर्मा और कमल तथा पिंकी के खेल में अंजु विजयी हुईं। मीरा के ताश खेल में उषा किशोर ने बाजी जीती। सभी विजेताओं को पुरस्कार दिए गए।
धन्यवाद ज्ञापन के पश्चात जलपान वितरित किया गया। सभी महिलाओं का जीवन मधुर हो,इस शुभकामना के साथ अंत में चाॅकलेट दी गई।
Popular Stories
Football Tournament @Princeton
More Than a Festival: The Art and Power of Durga Puja
Personality of the Month- ‘Dr Usha Mediratta’
Stray Cattle Menace In Front of Galleria
The Chronicles of Malibu Towne: A Mosquito’s Tale
“Senior Living Is Not An Old Age Home” say Mr & Mrs Bose
Recent Stories from Nearby
- Promises Repair of Broken Park Walls, Installation of Boom Barriers, Deep Cleaning of Drains… Among Other Things January 30, 2025
- Anand Niketan Club’s Grand New Year’s Eve Bash January 30, 2025
- Residents Come Together for a Night of Fun and Festivity January 30, 2025
- Rising Incidents of Harassment by Transgender Groups Raise Concerns in Delhi NCR January 30, 2025
- From Banana Races to Hurdles: ANRWA Sports Meet Had It All January 30, 2025