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जश्ने उत्कर्षिनी – रूहानी सुरों की महफिल
Sector 61 Noida

जश्ने उत्कर्षिनी – रूहानी सुरों की महफिल

उत्कर्षिनी क्लब एक ऐसे खूबसूरत मंच के रूप में स्थापित हो चुका है जो सामाजिक मूल्यों, आपसी प्रेम और समरसता को पोषित करता है; महिलाओं को अपनी रचनात्मकता और कला की अभिव्यक्ति का अवसर प्रदान करता है; और आनंद व उल्लास के क्षण प्रदान करता है। ऐसा ही एक आनंद से भरपूर आयोजन था – जश्ने उत्कर्षिनी, सूफियाना और रूहानी संगीत से सजी महफिल। क्लब की केबिनेट बधाई की पात्रा है जिसने इस अनुपम ‘जश्ने उत्कर्षिनी’ की परिकल्पना की। प्रेसिडेंट श्रीमती रोली अपने आरम्भिक उद्बोधन में कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। इश्क की रूहानियत और सूफियाना अन्दाज से भरपूर इस महफिल का बेहद खूबसूरत मंच संचालन किया श्रीमती रेखा गार्गव ने। उनके अनूठे अन्दाज और प्रभावशाली शैली ने दर्शकों को मुग्ध कर दिया।

‘फिर एक बार उजड़ जाते हैं, चल तेरे इश्क़ में पड़ जाते हैं’, कार्यक्रम का आगाज किया श्रीमती रोली, निशा, रूमा, अंजली और रीटा ने शानदार सूफी डान्स मेड्ली से। मुशायरे की रंगीन महफिल ने अदब और अदायगी का संगम पेश किया, जहाँ हर शेर एक अहसास था। श्रोताओं ने शायरों के हर शब्द पर वाहवाही और तालियों से उनका हौसला बढ़ाया। मुशायरे में शिरकत की शायरा श्रीमती कमलेश कांत, कमलेश महाजन, नीलू सहगल, उषा टक्कर और स्वर्ण भाटिया। श्रीमती रीना कपूर, डिम्पल और रूपाली के डांस मेशअप में कदमों की थिरकन और भावों की अभिव्यक्ति ने दर्शकों को बांध लिया। ताल और तालमेल का ऐसा अनोखा प्रदर्शन देखकर हर कोई वाह-वाह कह उठा। इसके बाद महफिल सजी क़व्वाली की। श्रीमती अलका सनगल, मालिनी रस्तोगी, राधिका बंसल, विनिशा मलिक, किरन परिहार, लाली सिंघ, दीपा अग्रवाल, प्राची अग्रवाल, रेणु मल्होत्रा, अनुराधा पाठक और आरती खन्ना ने रूहानी अहसास और संगीत का अनूठा संगम पेश किया। हर प्रस्तुति ने प्रेम और सूफियाना रंग से महफिल को सराबोर कर दिया।

इस शानदार कार्यक्रम की समाप्ति कला, संस्कृति और भावनाओं के अनोखे संगम के साथ हुई। सूफी डांस मेडली से रूहानी अहसास जगा, डांस मेशअप ने ऊर्जा और ताल का जादू बिखेरा, क़व्वाली ने दिलों को प्रेम से सराबोर किया, और मुशायरे ने शब्दों के जादू से सबको मंत्रामुग्ध कर दिया। तालियों की गूंज और वाह-वाह की आवाजों के बीच यह शाम दिलों में अमिट छाप छोड़ गई। दिलों का संगम यूँ ही बरकार रहे, इसी आशा के साथ जश्ने उत्कर्षिनी का समापन हुआ।

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