फूल किसे अच्छे नहीं लगते। शायद ही कोई व्यक्ति होगा जो फूलों से अपने व्यक्तित्व को अलग कर देखे। यही फूल जब पार्क की क्यारियों की शोभा बढ़ाते मिले तो पार्क का सौंदर्य बढ़ जाता है। मैं तो जब पार्क में जाती हूं तो वहां खिले फूलों से मानो एकाकार हो उठती हूं। खिले फूलोंभरी कयारी पार्क का आकर्षण केन्द्र लगने लगती है। पर पार्क में इन क्यारियों से फूलों को तोडते देखा। मना करने पर वे बोले, ‘‘फूलों का क्या है, ये फिर उग जाएंग’’। उन्हीं की देखा-देखी कुछ बच्चे भी फूल तोड़ने बढ़ें तो उन्हें डांटकर भगाया।
कुछ लोग खिलते फूलों पर प्रहार करते हैं। इन्हें पौधे से अलग कर देते। क्या कभी आपने ये सोचा कि फूल पौधे पर क्यों खिलते है? फूल प्रकृति में, प्रकृति की इस देन को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं। यह पराग कणों को आकर्षित करने का महत्वपूर्ण साधन है। यह प्रजनन किरिया में सहायक बन पीढ़ियों तक इसके बीजों को संरक्षित करवाती है। फूलों की प्रजाति होती है। पर सामान्यतः गेंदा, गुलाब, रजनी गंदा, पिटूनिया, आदि है। पर हम फूलों को तोडकर प्रकृति प्रदत्त प्रजनन में हस्तक्षेप करते हैं। फूलों को तोड़ना उनके साथ एक तरह की हिंसा करना ही कहलाता है। आप यह तो मानते ही होंगे कि पौधे में भी जीवन होता है। तो क्यों उसे तोड़कर उसकी जिवंतता को नष्ट किया जाए? फूल को तोड़ने के एक-दो घंटे में ही वह मुरझाने लगता है। अर्थात आपने उसका जीवन ले लिया। किसी के जीवन देने में आगेबढ़ें, न कि जीवन लेने में। उन पर इतना अनाचार मत करिए, किसी फूल की दुर्दशा का कारण स्वयं को न बनाएं।
कभी हमें पूजा के लिए फूल चाहिए, और हम इसके लिए पूरे पौधे को ही फूल विहीन कर डालते हैं। आप पूजा में फूल चढ़ाना ही चाहते हैं, तो आप खरीद कर लाएं। उनके पास वे फूल वहां से आते हैं, जहां फूलों की खेती फूल बिक्री के लिए होती हैं। नहीं तो आप अपने घर के गमलों में या घर के अहाते में फूलों वाले पौधे लगाए तथा इच्छानुसार पूजा में चढ़ाएं। पर यकीन मानें अपने घर के पौधे को भी फूल विहीन करने का आपका हृदय गवाही नहीं देगा।
पूजा के लिए फूल चाहिए तो पौधे के नीचे गिरे फूल एकत्रित कर इस्तेमाल करें। फूलों को तोडकर चढ़ाने से इन एकत्रित किए फूलों से पूजा ज्यादा सफल होगी। बाकी सब तो आपकी श्रद्धा पर निर्भर करता है। उन फूलों को स्वच्छ जल में धोकर इस्तेमाल कर सकते हैं। ज्यादातर फूल सुबह खिलकर शाम तक मुरझा जाते हैं। तो क्यों उन्हें तोड़कर खिलने का समय उनसे छीनना। और कुछ लोग तो इससे भी आगे निकल जाते हैं व कलियां तक नोंचा लेते हैं। कितना गलत कार्य है कि आपने एक जीवन को खिलने के पहले ही मिट्टी में मिला दिया।
खिलता फूल पौधे को शोभायमान करता है। उसका सौंदर्य आपके हाथों में सुरक्षित होता है। उसके आकर्षण का केंद्र बनिए, नकि उसकी विकरीणता का।

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