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Sector 50 A-E

खाधान्न की बरबादी – हर घर की समस्या

किसी मुंह तक निवाला पहुंचाना एक परोपकारी कार्य है!

खाना हर मनुष्य की आवश्यकता है। हर घर की जरूरत है। पर यही जरूरत जब सड़ांध बन जाए, तो इससे कैसे उबरा जाए। अभी कल ही पड़ोसी
के घर बच्चे के जन्मदिन पर सभी के हिसाब से खाना बनवाया हुआ था। बहुत सा भोजन बच गया। पड़ोसन से अगले दिन बात हुई, वे इतना खाना खराब हो जाने पर बहुत क्षुब्ध थीं, तथा बार-बार यही कह रहीं थीं कि अगर खाना सही हाथों तक पहुंच पाने की सैक्टर 50 में कोई व्यवस्था हो पाती।

यह केवल एक घर की ही कहानी नहीं है। क्या आप जानते हैं कि हर घर में इसी तरह न जाने कितने किलो खाना बर्बाद होता है? घर में बनाए खाने को उचित मुंह व हाथों तक पहुंचाना भी हमारा ही काम होना चाहिए। हममें से अधिकतर घरों में खाना बचने पर हम वह मेड को दे देते हैं, बिना यह जाने कि वह कहीं हमारे द्वारा दिए खाने का सही उपयोग भी कर रही है या नहीं; इस खाने की उन्हें जरूरत भी है या नहीं।

पहले सैक्टर 50 के रामगया स्कूल के पास एैसी व्यवस्था हुई थी, कि बचे भोजन को उनके द्वारा रखवाए गए फ्रीज में रख सकते थे, जो घरों में काम करने वाले नौकर, मेड इस्तेमाल कर लेते थे। पर बाद में यह व्यवस्था भी ठप्प हो गई, यह कार्य ठीक नहीं चल सका। एक और बात है, कि गौशाला वाले आकर रोटी इकट्ठी कर लें जाते हैं। पर इसमें भी सब्जी वगैरह बची रह जाती है। यह तो सही है कि इंसानों के लिए न सही, बचा खाना जानवरों के मुंह तो पड़ता है। पर यह इसका उचित समाधान नहीं।

इस लेख को लिखने का उद्देश्य पाठको की सोच को एक व्यापक दिशा देना है। हम इंसानों में भी कितने ऐसे है, जिन्हें सही खानपान उपलब्ध नहीं हो पाता। हम यदि किसी जरूरतमंद के खघने की कमी को पूरा कर पाएं तो इससे अच्छी बात क्या है।

पहले, हमें नाप तौल कर खाना बनाना चाहिए जो बहुत मात्रा में नहीं बचे। फिर भी बचता है तो हम हमारे सैकटर 50 में कोई ऐसा संगठन स्थापित कर पाए, जो नित प्रतिदिन जरूरत मंदों तक ख़ाना इस संगठन के द्वारा पहुंचा सके।

यह कार्य सैकटर 50 की आर.डब्लु.ए. कर सकती है। वह ऐसे संगठन का निर्माण करें जो इस सामाजिक व्यवस्था में बदलाव लाकर योगदान कर पाए और हमारा बचा खाना सही मुंह व सही हाथों में पहुंच पाए। इससे खाने का सदुपयोग होगा। भोजन हर मनुष्य की बुनियादी जरूरत है। खाधान्न को त्रासदी बनाने की बजाए इसे हर मनुष्य का हक बनाने में सहयोगकार बन कर उभरना ही हमारे अच्छे होने का प्रमाण है। किसी व्यक्ति के मुंह तक निवाला पहुंचाना एक परोपकारी कार्य है जो हर किसी को करना चाहिए।

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