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कैलाश धाम मे उत्साहपूर्वक मनाये जाते हैं पर्व!!
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कैलाश धाम मे उत्साहपूर्वक मनाये जाते हैं पर्व!!

हमारी सोसायटी, कैलाश धाम, मे हर पर्व विधि-विधान से उत्साहपूर्वक मनाये जाते हैं। लगभग दो दशक से बसे परिवारों मे खुशहाली का समन्वय स्थापित हो गया और ऐसे मौके पर आगे आता है।

इस वर्ष भी होली का त्योहार बड़े धूम से होलिका दहन 24 मार्च से प्रारंभ हुआ। कैलाश धाम में 16 और 18 ब्लाॅक के बीच इसका आयोजन किया गया था। होलिका दहन फाल्गुन मास के पूर्णिमा के रात को मनाया जाता है।

होलिका दहन बुराई का अंत और सत्य की जीत की कहानी प्रह्लाद, हिरण्यकश्यप और होलिका से जुड़ी हुई है। होलिका दहन के समय कैलाश धाम वासियो ने भाग लिया। सब अपने घर से मीठे पकवान थाली में सजा कर लाए, सबने अग्नि की परिक्रमा की और अग्नि को भोग लगाया। उसके उपरांत सबको प्रसाद दिया और गुलाल लगाया।

बच्चों ने भी बड़े उत्साह से भाग लिया और आनंद उठाया एक दूसरे को रंग लगाया मिठाई खाई। जिस प्रकार नारायण ने प्रह्लाद की रक्षा की, उसी प्रकार वो अपनी कृपा हम सब पर बना के रखे और सबके जीवन को रंगो से भर दें। होली की सबको बहुत बहुत बधाई!!

ओम नमः शिव!! 8 मार्च को महा शिवरात्रि का पवन पर्व बड़े धूम धाम से मनाया गया। कैलाश धाम के वासियों ने बहुत सुंदर आयोजन मंदिर में किया था। रुद्र अभिषेक से इस पर्व का प्रारम्भ हुआ। सभी लोगो ने बड़े उत्साह से रूद्र अभिषेक में भाग लिया। उसके उपरांत आरती हुई और अंत में चराना मृत और फल प्रसाद का वितरण हुआ।

महा शिवरात्रि भगवान शिव और पार्वती की सबसे बड़ी रात्रि मानी जाती है। यह व्रत सब व्रत में श्रेष्ठ माना गया है। कहा जाता की जो पुरुष और नारी इस व्रत को विधि पूर्व पालन करते हैं, उनके जीवन में सब प्रकार की सुख शांति बनी रहती हैं। शिव और शक्ति की पूजा एक साथ की जाती हैंय ब्रम्हांड की अनंत शक्ति की उपासना होती है। हर वर्ष फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी को शिवरात्रि के रूप मै मनाया जाता हैं। भोले बाबा की कृपा इसी प्रकार सब पर बनी रहे!!

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