Subscribe Now
Trending News

एलीट होम्ज़ में अक्षय तृतीया
Sector 77 Noida

एलीट होम्ज़ में अक्षय तृतीया

बैशाख के समान कोई मास नही है, सत्ययुग के समान कोई युग नही है, वेद के समान कोई शास्त्रा नही है और गंगाजी के समान कोई तीर्थ नही हैं।

उसी प्रकार अक्षय तृतीया के समान कोई तिथि नहीं है।

बैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को आखातीज (अक्षय तृतीया) के रूप में मानया जाता है। बैशाख मास की विशिष्टता इसमें आने वाली अक्षय तृतीया के कारण अक्षुण्ण हो जाती है। बैशाख मास के शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाए जाने वाले इस पर्व का उल्लेख विष्णु धर्म सुत्रा, मत्सय पुराण, नारदीय पुराण तथा भविष्य पुराण आदि में मिलता है।

पुराणों के अनुसार इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्थान, दान जप, स्वाध्याय आदि करना शुभ फलदायी माना जाता है। इस तिथि में किए गए शुभ कर्म का फल क्षय नही होता है। इसको सत्युग के आरंभ की तिथि भी मानी जाती है इसलिए इसे कृतयुगादि तिथि भी कहते है।

धरती पर भगवान विष्णु ने 24 रूपों में अवतार इनमें से छठा अवतार भगवान परशुराम का था। पुराणों में इसे परशुराम जयंती भी कहते है।

अक्षय तृतीया के दिन माँ लक्ष्मी की पूजा करने का विशेष विधान होता है।

इस दिन स्वंय सिद्ध अबूझ मुहुर्त माना जाता है इस दिन कोई भी शुभ मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, घर, भूखण्ड या वाहन आदि की खरीदारी से संबंधित कार्य किए जा सकते है, तृतीया तिथि को माँ पार्वती ने अमोघ फल देने की सामथ्र्य का आर्शीवाद दिया था जिससे इस दिन किया गया कोई भी कार्य निष्फल नहीं हो।

अक्षय तृतीया के कुछ दिन पहले ही सोसायटी में क्या किया जाएगा इसका चिन्तन मनन चलने लगा। परिष्णाम स्वरूप वृक्षारोपण, अन्नदान और सत्संग का निर्णय हुआ अक्षय तृतीया के दिन सुबह 10 बजे मंदिर प्रांगण मे बट वृक्ष, बेल पत्रा का पौधा और आवले का पौधा तथा कुछ तुलसी के पौधे लगाए गए। पौधेरोपण श्री भारत भूषण अग्रवाल एंव श्रीमती मीनू अग्रवाल, श्रीमती रानी शर्मा, श्रीमती इन्दू जैन एंव श्रीमती लक्ष्मी दीक्षित के कर कमलो से किया गया।

अक्षय तृतीया के दिन दोपहर में, कढी चावल, जलेबी और फ्रुटी आदि का वितरण किया गया। सोसायटी के सभी रक्षकों (गार्ड) ने, सफाई कर्मियों व अन्य कर्मचारियों ने तथा घरों में काम करने वाली बाईयों ने इसका रसास्वादन किया। मंदिर में अक्षय तृतीया के दिन सत्तु का योग लगाया गया। सत्तू के प्रसाद का विशेष प्रावधान है।

साँयकाल को 4 बजे से सुदरकाण्ड का पाठ तथा भजन सत्संग का कार्यक्रम रखा था। बी-1103 की निवासी शालु सिंघल के द्वारा सत्संग का कार्य अपने निवास स्थान रख कर सबको पुण्य का भागी बनाया।

इसी माह 29.4.23 के दिन सुंदरकाण्ड का पाठ तथा सत्संग मंदिर प्रांगण में हुआ। उमा त्रिपाठी ने इस सत्संग मे प्रसाद वितरण किया।

6 मई को भी सुंदरकाण्ड का पाठ हुआ। ए ब्लाॅक निवासी कचंन ने अपनी पुत्राी के विवाह के उपलक्ष्य में पाठ रखा था। सोसायटी के सभी भक्तों ने सत्संग के पश्चात् बधाई दी।

द्वारा लक्ष्मी दीक्षित (बी-1303)

Home
Neighbourhood
Comments