नवरात्रि पर्व, माँ दुर्गा की भक्ति और परमात्मा की शक्ति (परम रचानात्मक उर्जा) की पूजा और अराधना का सबसे शुभ और अनोखा समय माना जाता हैं।
नवरात्रि साधना का मुख्य उदेश्य हमारे अंदर की पशुता को बिन्दुरुप कर विराट दैलत्ज की प्रतिस्थापना है। भारतीय गृहरुप जीवन शक्तिपूजन, व्यक्तित्व संवर्द्धन एवं आध्यात्मिक चेतना जाग्रत करने का एक विराट संकल्प हैं। माँ दूर्गा के पूजन से हमारे समाज में स्त्रिायों को माता देवी एवं पूज्य स्थान प्राप्त होता है। नवरात्रा मे देवी पूजन से काम क्रोध मोह एवं लोभ पर नियंत्राण संभव है। मन, अंतःकरण, चित्त, बुद्धि अहंकार आदि का शोधन होकर बुरे संस्कारो का शमन होता है। हमारे तन और मन में रहने वाले राक्षसों जो कि रोग, अहंकार, भय, बंधन, पाप, शोक, दुःख एवं महामारी के स्वरुप में हमे प्रताड़ित करते है। इन सभी का दमन और शमन का उपाय नवरात्रि साधना है। नवरात्रि साधना अध्यात्मिकता की ओर ले जाने वाली वह प्रक्रिया है जिससे हमारी चेतना पर छाई धुंध छंट जाती है एवं आंतरिक अवसाद नष्ट हो जाते है इस साधना से व्यक्त्वि का परिशोधन होता है। इससे चेतना की प्रखरता प्रगाद होती है। पशुवत् संस्कार देवत्व में बदलने लगते हैं। यह साधना मनुष्य को सामान्य से दैवी स्तर प्रदान करती हैं।
एलीट होम्स सोसाइटी में नवरात्रों में प्रति वर्ष की भाँति इस बार भी दुर्गा माता की आराधना बहूत ही उत्साह के साथ की गई।
नवरात्रि पूजा प्रथम दिवस पर कलश स्थापना से प्रारंभ हुई। प्रातःकाल श्रीमती रानी शर्मा के साथ अन्य भक्तों ने पूजा करवाई।
आगामी आठ दिनों तक प्रतिदिन प्रातः काल पूजा करि जाति वि आरती के बाद प्रसाद वितरण होता था। प्रतिदिन सायंकाल पाँच बजे से सात बजे तक माता के भजनों का गान किया जाता था। भक्तों की वाणी में गाए गए भजनों पर सभी लोग मस्ती में झूम उठते थें मंदिर परिसर में भक्तों की संख्या बढ़ती रही ऐसा लगता था की मंदिर में स्थानाभाव है परंतु माता की कृपा से जो आया वही समाया। बच्चे युवा बुजुर्ग एवं महिलाएँ भी भजनों पर थिरकने से अपने आपको रोक नहीं पाये।
नवरात्रों में रानी शर्मा, रोमी, बीना, शगुन, प्रभा ग्रोवर, मीनू अग्रवाल, ममता एवं साथी, प्रेमवती, निक वालिया, दीक्षित परिवार, रचना सिन्हा, मीनाक्षी झा, अनुपमा, रचना एवं साथी, रमा बजाज, सीनियर सिटीजन, श्वेता, मुरली दूबे आदि ने माता को प्रसाद अर्पित कर पुण्य प्राप्त किया।
राम नवी के दिन प्रातः नौ बजे हवन हुआ जिसमे मुख्य यजमान राजीव रस्तोगी एवं अर्चना रस्तोगी थे।
हवन के पश्चात् श्रीराम जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में श्रीराम स्तूति और भजन गाये गए। राम जन्म की बधाईयाँ गाई गई तथा श्री राम जी से मंगल कामना के रुप में परदास बनाई गई। इस समय भी भक्तों ने नृत्य करते हुए आनन्द प्राप्त किया। तत्पश्चात् 12 बजे श्रीराम जी आरती के साथ प्रसाद वितरण किया गया।
6 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव के पावन पर सुन्दर काण्ड के पाठ का आयोजन किया। पाठ के पश्चात् भजन और हनुमान की बधाई गाई गई।
कभी न भूलने वाली यादों के साथ यह आध्यात्मिक श्रंखला सम्पूर्ण हुई। माता रानी श्रीरामचन्द्र जी तथा हनुमान जी सोसायटी पर कृपा बनाए रखे तथा सोसायअी में प्रेम और सौहार्द का वातावरण बना रहे। इसी तरह की मंगल कामना सम्पूर्ण सोसायटी निवासियों के लिए करती हूँ।
द्वारा लक्ष्मी दीक्षित (बी-1303)
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