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एलिट होम्ज़ में प्रत्येक अमावस्या को होगा भण्डारा वरिष्ठ नागरिकों द्वारा की गई अनूठी पहल
Sector 77 Noida

एलिट होम्ज़ में प्रत्येक अमावस्या को होगा भण्डारा वरिष्ठ नागरिकों द्वारा की गई अनूठी पहल

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार अमावस्या एक महत्वपूर्ण दिन है जो कृष्ण पक्ष के अन्त में आती हें जब चन्द्रमा आकाश में दिखाई नही देता है। यह दिन हर महीने आता है इसलिए साल में 12 अमावस्या होती है।

अमावस्या का हिन्दु धर्म में बहुत ही आध्यात्मिक महत्व है। यह दिन आपके पूर्वजों के प्रति सम्मान दिखाता है और उनका आशीर्वाद प्रदान करता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।

आमावस्या के दिन अन्न दान का विशेष महत्व है क्यूँकि –

  1. पितृ तर्पण – अमावस्या के दिन पितृ तर्पण किया जाता है, जिसमें पूर्वजोें को अन्न और जल दान किया जाता है।
  2. पुण्य प्रप्ति – अन्न दान से पुण्य प्राप्त होता है और आत्मा को शान्ति मिलती है।
  3. गरीबों की मदद – अन्नदान से गरीब और जरूरत मंद लोगों का मदद मिलती है।
  4. कर्म का फल – अन्न दान से अच्छे कर्म का फल मिलता है और अगले जन्म मे भी इसका लाभ मिलता हैै।
  5. सामाजिक समरसता – अन्न दान से सामाजिक समरसता और एकता बढ़ती है।
    अमावस्या के दिन अन्न दान से पहले निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें-
  6. शुध्दता – अन्न दान करने से पहले हाथ धोए और शुध्द वस्त्रा पहनें।
  7. अन्न दान करते समय गरीबांे का सत्कार करें
  8. अन्न की गुणवत्ता – अन्न दान में स्वच्छ और गुणवत्ता पूर्ण अन्न दें।

अमावस्या के दिन अन्न दान के महत्व को ध्यान में रखते हुए एलिट होम्ज़ सोसायटी के वरिष्ठ नागरिकों के द्वारा एक महत्वपूर्ण प्रकल्प शुरू किया। प्रत्येक अमावस्या को सोसायटी के अन्दर और बाहर भण्डारा किया जाता है। यह प्रयास गत माह से प्रारंभ किया गया।

इस कार्य में वरिष्ठ नागरिकों के साथ 2 सोसायटी के अन्य युवा गणमान्य नागरिकों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है इस सुनहरे अवसर का पुण्य लाभ प्राप्त करने के लिए लगभग 35 व्यक्ति सहयोग कर रहे है। सोसायटी की ए.ओ.ए. टीम का तथा मंदिर समिति का भी भण्डारे की व्यवस्था में सहयोग रहता है सोसायटी के बाहर टैण्ट लगाकर भोजन वितरण की व्यवस्था पुरूष सीनियर सिटीजनस के द्वारा की जाती है तथा सोसायटी के अन्दर महिलाओं के द्वारा भोजन वितरण का मोर्चा संभाला जाता है।

इस माह 2 अक्टूबर को सर्वपितृकार्य अमावस्या है। सर्वपितृ अमावस्या का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे महालया अमावस्या के रूप में भी जाना जाता है यह तिथि पितृ पक्ष के समापन का प्रतीक है। यह दिन न केवल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण है बल्कि यह उत्सव के मौसम की शुरूआत का भी संकेत देता है विशेष रूप से दुर्गा पूजा के आगमन का जो इसके कुछ की समय बाद शुरू होता है।

एलिट होम्ज सोसायटी में 2 अक्टूबर को 12 बजे भण्डारा प्रारंभ हुआ। सर्वप्रथम 5 वेदपाठी ब्राह्मणो को भोजन करवाया गया तत्पश्चात् अन्य सभी वरिष्ठ नागरिकों ने बहुत ही उत्साह से यह काम को सम्पन्न किया। हर माह अमावस्या को भण्डारा करेंगे इस संकल्प को दोहराया।

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