Subscribe Now
Trending News

ऋतु की अंगड़ाई
Sector 92 & 93B

ऋतु की अंगड़ाई

धरा सुंदरी का श्रृंगार है पुष्प

शिशिर ऋतु के चले जाने और वसंत ऋतु के आने पर धरती पे जीव-जगत नए उत्साह से भर जाते हैं। पेड़ पौधे नव-पल्लवों, रंग-बिरंगे पुष्पों से सज जाते हैं। यूं लगता है जैसे बासंती हवा से मिलकर वृक्ष झूम उठे हैं। प्रातः धरा पर बिखरे फूल देखकर लगता है जैसे भगवान सूर्य की उपासना में धरती ने फूल बरसाए हैं। प्रकृति हमारी सहचारी है साथ-साथ रहने वाली… हमारे सुख-दुख की साक्षी।

आजकल सेक्टर के पार्कों में वसंती फूलों की बहार छाई है। इस मौसम में सेमल के पेड़ से झड़े बड़े-बड़े लाल-लाल फूल घरती की हरियाली दूब पर बहुत आकर्षक लगते हैं। होली के आगमन की याद दिलाते।

पार्क में घूमते हुए बच्चे-बड़े, युवा सभी मोबाइल पर इन चित्रों को खींचते हैं और कई उन्हें अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं। कोई इन पर गीत लिख रहा है कोई इन पर कविता।

दौड़-भाग वाली इस जिंदगी में ठहरे हुए यह आनंद के फूलों वाले पल हमें प्रसन्नता ही नहीं, हमारे सारे दिन के लिए नई सकारात्मक उर्जा प्रदान करते हैं। वैज्ञानिक और हमारे पुराण कहते हैं कि वृक्ष संगीत से बढ़ते हैं उनके नीचे शांति और बोधी-ज्ञान भी मिलता है। ऋतुराज वसंत के अंतिम जाने के समय, होलिका का पर्व जीवन को नई उमंग से भर देता है।

इस ऋतु परिवर्तन को हम ही नहीं, पशु-पक्षी पेड़-पौधे भी महसूस करते हैं। इन दिनों लोगों की रुचियां और स्वाद बदलने लगते हैं। अब गर्म कपड़ों के स्थान पर रंग-बिरंगे सूती कपड़े भाते हैं।

यह ऋतु परिवर्तन हम सभी को सुखद हो। हम अपने बच्चों को संस्कार दें कि वह प्रकृति से प्यार करें, यूं ही फूलों को न तोड़े, उन्हें प्यार से सहलाएं। उनसे बात करें कि बगीचे के अनुशासन का पालन करें, क्योंकि यह प्रकृति भी हमारा घर है इसे समृद्ध बनाना है।

Home
Neighbourhood
Comments