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आपका अपना संवाद पुनः आपके हाथ में
Sector 61 Noida

आपका अपना संवाद पुनः आपके हाथ में

प्रिय पाठकों आपके हाथ में चार वर्ष पश्चात पुनः अपने सेक्टर 52 का चिर परचित आपका अपने सम्वाद-52 को आपके हाथों में आता देख हमे बहुत ही प्रसन्नता हो रही कि जिसका कोई बयान किया नही जा सकता है। यह विघ्न जो आया उसका मुख्य कारण आपको पता ही है, वो है कोविड-19 महामारी, जिसने पूरे विश्व को अपने कब्जे में लिया था। यह न भूलने वाला समय न जाने कितनी जिन्दगीयों को लील गया और करोड़ो को व्यापार ठप्प कर बेरोजगार बना दिया। घर उजड़ गये और दुनिया तहस-नहस होने के कगार पर आ गयी थी। अगला दिन कैसा होगा या फिर होगा की नहीं इस अनिश्चितता में करोड़ो लोग मानसिक बीमारी के शिकार हो गये। इसी में हमारा संवाद भी घिर गया और हमे इसका प्रकाशन रोकना पड़ा। वो संवाद जो अपने इलाके की खबर सबको देता था, दिल्ली, गुडगाँव, नोएडा के 150 से अधिक काॅलोनी के 2,00,000 निवासी इसका बेसब्री से हर महीने इंतजार करते थे, उस संवाद को भी कोविड की विभीषिका का शिकार होना पड़ा और असर यह हुआ की प्रकाशन पूर्णतया रोकना पड़ा… समय बदला महामारी का असर कम होने में तीन साल लग गये… और सभी ने धीमे-धीमे इससे उबरना शुरू किया.. संवाद की टीम ने हिम्मत नही हारी और घनघोर विषम परिस्थितयों के बावजूद फिर से कमर कस कर समाज के प्रति अपने दायित्व पूरा करने में लग गये.. प्रकाशन तो प्रारम्भ तो किया साथ में डिजिटल प्लेटफार्म का भी उपयोग प्रभावी ढंग से प्रारंभ किया गया ताकि अधिक से अधिक लोगों तक पहुँच सके। संवाद, एक-एक करके सभी काॅलोनी जहाँ के लिए प्रकाशित होता था वहां पुनः प्रारंभ करते गये.. और अब हमारी बारी भी आ ही गयी.. अब यह पहले की तरह हर माह आपके पास आया करेगा। लेकिन इस बार कुछ बदलाव है। वो यह की अब आपको एक नही दो सेक्टर की खबरें और लेख पढ़ने को मिलेंगे यानि आपका पडोसी सेक्टर 61 भी इसमें जुड़ गया ह। यही तो हमारा कर्तव्य है अपना भी ध्यान रखो और पडोसी का भी। आप भी तो जानो पड़ोसी के क्या हाल हैं और क्या कर रहा है।

संवाद के प्रारम्भिक समाचार के लिए सबसे पहले अपने सेक्टर की एसोसिएशन के पदाधिकारीयों से मिलना अत्यंत आवश्यक था और उनको यह खुशखबरी भी देनी थी। क्योंकि उनकी उपलब्धियों के साथ उनकी कमियों को भी उजागर करता रहा है संवाद।

एसोसिएशन के कार्यलय में मेरी मुलाकात अध्यक्ष रघुनाथ सिंह और महासचिव अशोक शर्मा जी से हुई, दोनों प्रसन्न हुए की संवाद वापस लौट के आ रहा है.. जब पिछले चार साल के बारे में बात चीत हुई तो काफी कुछ जानने को मिला पहली बात तो यह पिछले चार सालों में एसोसिएशन की बागडोर अशोक जी एवं रघुनाथ जी बीच अदला बदला हो गयी.. कोविड के समय अशोक जी प्रधान दे और रघुनाथ जी महासचिव और आज रघुनाथ जी अध्यक्ष और अशोक जी महासचिव लेकिन दो की कार्य प्रणाली में वैसे ही है और तारतम्यता बराबर बनी ही है। रघुनाथ जी का मुस्कराता चेहरे वैसे ही सामने बैठे आदमी को अभिभूत कर देता है और उसी के पूरक अशोक जी है वो भी कम नहीं अपने व्यवहार में। बातों बातों में मालूम पड़ा की अशोक शर्मा जी को कोविड की कई लहर में पांच बार कोविड से पीड़ित हुए, यह मेरे लिए खबर थी क्योंकि दो बार पीड़ित होने का तो सुना का था लेकिन पांच बार पहली बार सुनने को मिला तो मैंने तो मजाक में कहा अगर रिकाॅर्ड उपलब्ध हो तो आपको विश्व रिकाॅर्ड में लाने के लिए गिनीज बुक के लिए बात ली जा सकती है।

गत चार वर्षों ने एसोसिएशन ने सेक्टर के चारो तरफ चार दिवारी बनाने पर जोर दिया और काफी हद तक सफल रहे हैं। इसके साथ सेक्टर की सडकों को चैड़ा करने के लिए सारी नालियों उपर उठा कर ढक्कने का काम तकरीबन पूर्ण होने पर है। इन्टरलोकिंग टाइल्स भी हर जगह बिछा दी गयी हैं और जहाँ टाइल्स बिछने में समस्या थी वहां पर कंकरीट बिछा कर मजबूत कर दिया है। पार्कों में लाइट्स लगवाई हैं और खास कर वहां बनी झुग्गियों में लाइट्स लगा दी गयी है जिससे अपराधी तत्व और अवांछित लोग का आना बंद हो गया है। वर्ष भर अनेक कार्यक्रम जैसे होली मिलन, दिवाली मिलन, नये साल में माता की चैकी और करवा चैथ कार्यक्रम आयोजित कर समाज में समन्वयता को बढाने का कार्य निरंतर जारी है। कोविड के दौरान सेक्टर निवासियों के साथ यहाँ पर काम करने वालों के लिए भी गैस सिलिंडर, बेड्स, दवाइयों तथा राशन वितरण का भी भरपूर प्रबंध किया गया था। बातचीत तो काफी लम्बी हुई लेकिन फिलहाल के लिए इतना ही काफी है। अगले अंक में कुछ और विषयों पर जिसपर चर्चा हुई आगे लाया जायेगा, प्रिय पाठकों बस आपके सहयोग और दुआओं की कामना है की जो वक्त गुजर गया वो बस किसी की जिंदगी में दुबारा न आये.. आप सब सदा सकुशल, स्वस्थ और प्रसन्न रहें।

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