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आनंददायी, नेत्रोद्दीपक अभिव्यक्ती…रंगोली, सेक्टर 41 में सजी रंगोली
Sector 40 & 41 Noida

आनंददायी, नेत्रोद्दीपक अभिव्यक्ती…रंगोली, सेक्टर 41 में सजी रंगोली

by Shekhar Deshmukh

भारतीय परंपरा में रंगों का विशेष महत्व है। वैज्ञानिक तौर पर भी साबित हो चुका है कि रंग विशेषकर मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक बेहतर औषधि के रूप कार्य करते हैं। हिन्दू धर्म में आंगन या द्वार पर रंगोली बनाना बेहद शुभ माना जाता है और इसे घर की सुख-समृद्धि से जोड़कर देखा जाता है। रंगोली अर्थात रंगवल्ली या रंगावली। इसे भू अलंकार के नाम से भी पहचाना जाता है। भू अलंकार का अर्थ है भूमि को सजाना और रंगोली बनाकर हम सही अर्थों में भूमि का श्रृंगार ही करते है।
रंगोली के अनेक पारंपरिक तथा आधुनिक रूप देखने मिलते है रंगोली 64 कलाओं में से एक है और ऐसा कहा जाता है कि यह कला मूर्तिकला और चित्राकला से भी प्राचीन है।
दीपावली के अवसर पर इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। सिर्फ भारत एक ऐसा देश है जहां दशहरे से लेकर दीपावली तक हर दिन घरों में द्वार पर रंगोली सजाई जाता है।
मांगल्य का प्रतीक रंगोली देवस्थान, मंदिर, आंगन, उत्सव पर आयोजित भोजन पंगत, विवाह, यज्ञकर्म, पूजापाठ, आदि छोटे बड़े सभी प्रसंगों में अपना शुभ उपस्थिति दर्ज करवाती है।
रंगोली बनाना एक कला है और जो लोग कलाप्रिय हैं वे इसे शौक से बनाते हैं।
सेक्टर 41 के निवासियों ने दीपावली के अवसर पर अपने द्वारों पर बहुत सुंदर रंगोली सजाकर दीपोत्सव की संध्या को और भी रंगीन बना दिया। दीपों की जगमगाहट, रोशनी एवं आकर्षक सजावट ने संपूर्ण परिसर में उत्साह, स्फूर्ति और प्रकाश भर दिया।

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