उम्र कोई भी हो, लेकिन खेल हमें हर उम्र में वही ख़ुशी देते हैं जो ख़ुशी बचपन में मिलती थी खेलते हुए। इस बात का अहसास मुझे तब हुआ जब मेरी एक दोस्त ने एक छोटा सा क्लब बनाया जिसमें हम कुछेक दोस्त शामिल थे। हम शाम के समय मिलकर कैरम, शतरंज और बैडमिंटन खेलते थे। खेलते हुए हम भूल जाते कि हम बच्चे नहीं हैं। बात-बात पर लड़ते-झगड़ते, खेल के नियम-कायदों पर तकरार करते, छेड़खानियाँ करते और ठहाके लगाते।
खेल में डूबे हुए हम घंटों तक मोबाइल को हाथ भी नहीं लगाते क्योंकि उससे रोचक कुछ हमारी जिंदगी में हो रहा था, इसलिए मोबाइल का महत्व उस वक्त नगण्य हो जाता।
जब खेल हमें इतनी ख़ुशी देते हैं, तो फिर धीरे-धीरे हम सबके जीवन से खेल गायब क्यों हो जाते हैं? घंटों खेलने वाले हम पढ़ाई का दबाव पड़ते ही उस ऊर्जा स्रोत से दूर हो जाते हैं जो हमें ख़ुशी देता है, प्रफुल्लित करता है और साथ ही साथ हमारा स्वास्थ्य भी ठीक रखता है। सोचकर देखिए, बचपन की तरह अगर हम हर रोज ऐसे ही अपने जीवन का ज्यादा न सही, एक घंटा ही सदा खेलते रहते, तो जीवन कुछ ज्यादा ख़ुशगवार न होता!
जानती हूँ पढ़ाई के बाद नौकरी और गृहस्थी में जीवन इतना उलझता चला जाता है कि खुद के लिए समय का अभाव हो जाता है। लेकिन छुट्टी के दिन कुछ समय खुद की ख़ुशी के लिए दोस्तों के साथ मिलकर खेलने का प्रोग्राम तो बनाया जा सकता है। एक खेल भी अगर हमारे जीवन में ताउम्र बना रहे, तो शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से हम मजबूत बनते हैं।
सोचकर देखिए, पार्क में सुबह चक्कर लगाने के बजाए अगर कुछ लोगों के साथ मिलकर फुटबाॅल खेला जाए, तो या किसी दोस्त के साथ बैडमिंटन खेलना वाॅक से ज़यादा बेहतर विकल्प नहीं है क्या!
चाहती हूँ हम फिर से वही ख़ुशी पा लें जो हमने अनजाने में गँवा दी। जिसके खोने पर हमें यह एहसास भी न हुआ कि हमने कुछ खो दिया, लेकिन जहन का एक हिस्सा है जो जानता है यह बात और पाना चाहता है फिर से वही ख़ुशी। मिलकर करना चाहेंगे।
Popular Stories
Football Tournament @Princeton
More Than a Festival: The Art and Power of Durga Puja
Personality of the Month- ‘Dr Usha Mediratta’
Stray Cattle Menace In Front of Galleria
The Chronicles of Malibu Towne: A Mosquito’s Tale
“Senior Living Is Not An Old Age Home” say Mr & Mrs Bose
Recent Stories from Nearby
- Footover Bridge Lift Not Working December 26, 2024
- AIKGA December Meet December 26, 2024
- Why Separate-Mix-Separate? December 20, 2024
- Kiren At It Again! December 26, 2024
- AIKGA Members Learn Varieties Of Salads For Lunch And Dinner December 26, 2024