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बालकनी, छत पर बागवानी
Sector 50 A-E

बालकनी, छत पर बागवानी

आधुनिक शहरीकरण के इस दौर में जब नगरों में अधिकांश लोग बहुमंजिला अवासीय भवनों में रहते हैं तब हम पेड़ पौधे कैसे लगाएं यह एक बहुत बड़ा प्रश्न?

हर घर, हर छत, बालकनी, आंगन में पौधे पहुंचे, हरियाली हो इसी स्वपन, संकल्प को लिए जन-जागरण संगठन ने स्कूलों, सोसायटीज़ में बालकनी पाट बागवानी से संबधित कार्यशालाएं आयोजित करी।

जब हर घर में पौधे लगेंगे, हरियाली होगी तो हमारा प्रकृति से प्रेम, मिट्टी से जुड़ाव होगा, घर का वातावरण शुध्द, ऑक्सीजन युक्त, खुशनुमा, खुशबूदार, मच्छर-मक्खियों से रहित बनेगा और घर में पत्तेदार सब्जियाँ, फूल, और औषधियां

श्रलोकः वायूनां शोधकाः वृक्षाः रोगाणाम् पहारकाः
तस्माद् रोपणमेतेषा रक्षणं च हितावहम्

अर्थात् वृक्ष वायु को शुध करते है, रोगों को दूर भगाने में सहायक होते हैं, वृक्षों का रोपण और रक्षण प्राणिमात्रा के लिए हितकारी है।

आर्ट आफ लिविंग संस्था की प्रमाणित प्राकृतिक, गौवश आधारित बागवानी प्रशिक्षिका राखी मित्तल और रीतू मिश्रा के मार्गदर्शन में से कार्यशालाएं आयोजित की गई।

सैक्टर 50, ई-5 पार्क में सैक्टर वासियों और स्कूली बच्चों के साथ वृक्षारोपण, पाट मिक्सचर, प्राकृतिक खेती, पौधों के रख-रखाव और महत्व पर विस्तार से चर्चा करते हुए बच्चों ने गमलों में अपने घरो के लिए तुलसी, गिलोय, ऐलोवेरा, पत्थरचट्टा, लैमन ग्रास, सदाबहार जैसे बहु उपयोगी पौधे लगाए और उनके रखरखाव, उपयोग के बारें में जानकारी प्राप्त करी।

सरस्वती बालिका विद्यालय में औषधीय हर्बल पौधों के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए रीतू मिश्रा ने बच्चों को पौधों की देखरेख, लगाने का ढ़ग और उपयोग के बारे में बताया। प्रधानाचार्य, शिक्षिकाओं बच्चों सभी ने माली की सहायता से स्वंय गमलों में पौधे लगाएं।

घर-घर में पूणनीय तुलसी, जुकाम, बुखार, आस्थमा वायरल, कैंसर आदि की घरेलू औषधि गिलोय – शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, डेंगू, वायरल के कारागार बहुत ही सुदंर हरी भरी बेल ऐलोवेरा – सभी प्रसाधन सामग्री साबुन, शौंप, फेस क्रीम में उपयोग में आने वालों त्वचा संबधी रोगों में सहायक लेमन ग्रास, बेसिल – ग्रीन टी. आकर्षक खुशबू सूप, पास्ता के लिए प्रयोग का प्रिय व्यजन संभर, चटनी में बहुतायत में प्रयोग, ग्रीन टी, पत्थर चट्टा – पथरी के लिए रामबाण, गुच्छों में सुन्दर फूल

स्वर्णिम विहार सोसायटी में रेजीडेंस के साथ माइक्रो ग्रींस बायोएंजाइम कार्यशाला

घर में ही हम कैसे चना मूंग, मेथी, माठ आदि उगाकर सलाद, सूप, सब्जियों में प्रयोग कर स्वास्थय लाभ ले सकते हैं।

घर के ग्रीन वेस्ट फल – सब्जियोें के छिलकों से बना बहु उपयोगी बाचोएंजाइम का प्रयोग करके के मिकल युक्त क्लीनिंग ऐजेट, कोलीन, फिनायल, आदि से छुटकारा पाकर पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत की दिशा में अपना सक्रिय योगदान दे सकते हैं।

साथियों पेड़ पौधो के बिना हमारा जीवन संभव नही हैं, प्रकृति ने हमें जो कुछ भी दिया है उसका सदुपयोग कर हम न केवल अपना जीवन वरन् सो संसार को खुशनुमा बना सकते हैं।

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