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Sector 30, 31 & 36

कभी कभी

कभी कभी कुछ ढूँढ रहा होता हूँ,
तब,
मेरे दिल के कोने में,
मयानी में छुपा हुआ,
एक गुलदस्ता मिलता है – पुरानी यादों का,
सब फूल मुरझाए हुए, धूल से सने हुए,
पर फिर भी उस गुलदस्ते ने अपनी महक नहीं खोई,
वह पहले दिन जैसा महकदार है,
मयानी खोलते ही दिल की चार दीवारों में,
एक खुशबू भर जाती है
जो रूलाती भी है, हंसाती भी है,
गुस्सा भी दिखाती है और शांत भी कराती है
शायद वह खुशबू उस दिन से ज्यादा महकदार है

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