डोनेशन ड्राईव और सस्टेनेबिलिटी भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम। डोनेशन ड्राइव एक प्रक्रिया है जिसमें लोग अपने घरों से पुराना, टूटा हुआ खराब और ना काम आने वाला समान जैसे प्लास्टिक टूटे खिलौने पुरानी इलेक्ट्रिक वस्तुएं और पुराने कपड़े इत्यादि किसी संस्था को दे देते हैं। ताकि वह इनको रीसाइक्लिंग के लिए या फिर जो पहनने लायक कपड़े हैं, खिलौने हैं उनको गरीबों में या अनाथ आश्रम में दान कर सकें। पहले तो इस प्रकार की वस्तुओं को साल में एक एक या दो बार किसी त्योहार या दिवाली की सफाई के दौरान ही निकाला जाता था। लेकिन आजकल के तेजी से बदलते हुए फैशन-फैशन और दिन प्रतिदिन नई टेक्नोलाॅजी कि दौर में साथ ही छोटे और सीमित जगह के घरों में, समय-समय पर वस्तुओं को घर से निकालना अनिवार्य हो गया है।
प्लास्टिक के खतरनाक प्रभावों के बारे में दो हम कई बार पढ़ चुके हैं और देख भी रहे हैं लेकिन उससे भी गंभीर समस्या कपड़ों और इलेक्ट्राॅनिक वेस्ट कि अब बढ़ रही है। तेजी से बदलते फैशन और बाजार में नए-नए इलेक्ट्राॅनिक उपकरण आने के कारण धरती पर इस प्रकार का वेस्ट बढ़ता ही जा रहा है। 2019-20 में भारत में ई-वेस्ट 7.82 लाख मेट्रिक टन जनरेट हुआ जो 2025 में लगभग 12 लाख मैट्रिक टन पहुंच सकता है। ई-वेस्ट का को रीसायकल करने में देश में अभी इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है और लोगों को भी इसके बारे में इतनी जागरूकता नहीं है। इस प्रकार के वेस्ट को हम सही तरीके से रीसाइक्लिंग के लिए नहीं भेजेंगे तो यह सारे वेस्ट लैंडफिल और नदियों को प्रदूषित करेंगे। हम सब अपनी लापरवाही के कारण हवा, पानी और धरा को प्रदूषित कर रहे हैं। इसीलिए हम सब कि यह जिम्मेदारी बनती है कि अपने घरों से निकलने वाले वेस्ट को सही तरीके डोनेशन ड्राइव में दें और पर्यावरण को स्वच्छ रखने में अपना योगदान करें। जितना हो सके जरूरत के अनुसार ही चीजों को खरीदें और उनको सही तरीके से डोनेट करें। हमारी ही पुरानी लापरवाही के कारण आज वायु की गुणवत्ता, पानी की गुणवत्ता बहुत नीचे स्तर पर पहुंच गई है।
नोएडा में कुछ संस्थाएं डोनेशन ड्राइव करवाती हैं, लेकिन इलीट होम्स (Elite Homz), सीवीटेक (Civitech) अजनारा और प्रतीक विस्टेरिया में फाउंडेशन काफी समय से सक्रिय है। इस फाउंडेशन के लोग महीने में एक बार डोनेशन ड्राइव करवाते हैं लेकिन बहुत ही कम लोग इस डोनेशन ड्राइव में भाग लेते हैं। इसलिए लोगों से अनुरोध है कि वह पर्यावरण के ऊपर सिर्फ चर्चा ही ना करें बल्कि बिगड़े हुए पर्यावरण को सुधारने के लिए अपना योगदान भी दें। नहीं तो आने वाली पीढ़ी हमारी बहुत सारी प्राकृतिक संपदाओं को खो देगी। क्यों ना हम वेस्ट मैनेजमेंट को गंभीरता से लें और अपने घर से ही वेस्ट को सही तरीके से रीसाइक्लिंग के लिए दें और आने वाले भविष्य को संवारे।
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